09 February 2023 10:45 PM
नई दिल्ली , 9 फरवरी। अडानी ग्रुप (Adani Group) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। नॉर्वे के वेल्थ फंड (Norway Wealth Fund) ने अडानी की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच दी है। नॉर्वे के 1.35 लाख करोड़ डॉलर के वेल्थ फंड ने बताया कि हालिया हफ्तों में उसने अडानी ग्रुप कंपनियों में अपने बचे शेयरों को बेच दिया है। फंड में ईएसजी रिस्क मॉनिटरिंग के हेड क्रिस्टोफर राइट ने कहा, 'हमने कई वर्षों से ईएसजी इश्यूज पर अडानी की मॉनिटरिंग की है।' फंड ने साल 2014 से और 2022 के आखिर में 5 अडानी कंपनियों के शेयरों को बेचा है। फंड ने अडानी पोर्ट्स सहित ग्रुप की तीन कंपनियों में निवेश किया हुआ था।
2022 के आखिर से फिर से बेचे शेयर
क्रिस्टोफर ने कहा, 'साल के आखिर से हमने फिर से अडानी ग्रुप की कंपनियों में हिस्सेदारी घटाई है। अब हमारे पास कोई शेयर नहीं है।' साल 2022 के आखिर में नॉर्वे के इस वेल्थ फंड के पास अडानी ग्रीन एनर्जी में 52.7 मिलियन डॉलर के शेयर थे। अडानी टोटल गैस में 83.6 मिलियन डॉलर कीमत की हिस्सेदारी थी। वहीं, अडानी पोर्ट में 63.4 मिलियन डॉलर कीमत की हिस्सेदारी थी।
अडानी ग्रुप को लगातार मिल रहे झटके
अडानी ग्रुप को लगातार झटके मिल रहे हैं। बुधवार को अडानी ग्रुप के सबसे बड़े विदेशी निवेशक टोटल एनर्जीज ने कहा था कि उसने ग्रुप के हाइड्रोजन प्रोजेक्ट में पार्टनरशिप को होल्ड पर डाल दिया है। इसने कहा था कि वह हिंडनबर्ग के आरोपों पर स्पष्टता का इंतजार कर रहा है। इसके अलावा एमएससीआई ने पब्लिक मार्केट में ट्रेड के लिए आसानी से उपलब्ध अडानी ग्रुप से जुड़े शेयरों की संख्या के बारे में रिव्यू करने की घोषणा की है। इसके चलते गुरुवार को अडानी की कई कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई।
अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट
अडानी ग्रुप के शेयरों में गुरुवार को बड़ी गिरावट आई है। अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 10.72 फीसदी गिरकर बंद हुआ। अडानी पोर्ट का शेयर 2.90 फीसदी गिरकर बंद हुआ। अडानी पावर, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी टोटल के शेयर में आज लोअर सर्किट लगा है। अडानी ग्रीन का शेयर 4.96 फीसदी गिरकर बंद हआ। हालांकि, अडानी विल्मर के शेयर में अपर सर्किट लगा है।
अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में आज एक बार फिर गिरावट देखी गई। बाजार खुलते ही ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के शेयरों में 15 फीसदी तक गिरावट आ गई। इंडेक्स प्रोवाइडर MSCI का कहना है कि वह अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के फ्री फ्लोट स्टेटस (ree float status) की समीक्षा करेगा। हाल में आई अमेरिकी रिसर्च फर्म Hindenburg Research की एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया है। लेकिन इस रिपोर्ट के कारण ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। ग्रुप का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर गिर गया था।। MSCI का कहना है कि कुछ मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने अडानी ग्रुप के शेयरों को कुछ इंडेक्सेज में शामिल किए जाने के औचित्य पर सवाल उठाए हैं।
आज बाजार खुलते ही अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। अडानी एंटप्राइजेज का शेयर बीएसई (BSE) पर एक समय 15 फीसदी तक गिर गया था। यह स्टॉक फ्यूचर्स एंड ऑप्शन सेगमेंट का हिस्सा है। इसमें कोई सर्किट लिमिट नहीं है। इसी तरह अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (APSEZ) में नौ फीसदी, अडानी पावर (Adani Power), अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission), अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) और अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) ने पांच फीसदी को लोअर सर्किट छू लिया। दूसरी ओर अंबूजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) में 5.4 फीसदी, एसीसी (ACC) में चार फीसदी और एनडीटीवी (NDTV) में तीन फीसदी गिरावट आई। अडानी ग्रुप की केवल एक कंपनी अडानी विल्मर (Adani Wilmar) के शेयरों में तेजी आई है। इसमें शुरुआती ट्रेडिंग में ही अपर सर्किट छू लिया।
क्या है नियम
MSCI का कहना है कि किसी भी सिक्योरिटी का फ्री फ्लोट वह हिस्सा होता है जो इंटरनेशनल इनवेस्टर्स के लिए खरीद फरोख्त के लिए उपलब्ध होता है। किसी भी लिस्टेड कंपनी के लिए यह सुनिश्चित करना होता है कि उसकी कम से कम 25 फीसदी शेयरहोल्डिंग पब्लिक के पास होनी चाहिए। जो शेयर नॉन प्रमोटर्स के पास होते हैं उन्हें पब्लिक शेयरहोल्डिंग कहते हैं। इनमें रिटेल इनवेस्टर्स, म्यूचुअल फंड्स, फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स और इंश्योरेंस कंपनियां शामिल होती हैं। कंपनी बनाने या चलाने वाले लोगों के पास जो शेयर होते हैं, उन्हें प्रमोटर शेयरहोल्डिंग कहा जाता है।
अडानी ग्रुप की आठ कंपनियां MSCI इंडेक्स में शामिल हैं। अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी पावर, अंबूजा और एसीसी MSCI India इंडेक्स का हिस्सा हैं। MSCI ने कहा कि उसके कई मार्केट पार्टिसिपेंट्स की ओर से फीडबैक मिला है। उन्होंने MSCI Global Investable Market Indexes (GIMI) में शामिल अडानी ग्रुप के शेयरों के फ्री फ्लोट स्टेटस पर सवाल उठाए हैं। यही वजह है कि इंडेक्स प्रोवाइडर ने अब इसकी समीक्षा करने की बात कही है।
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