27 March 2023 11:21 PM
कर्नाटक के हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की थी
बेंगलुरु, 27 मार्च। कर्नाटक के भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा को उनके बेटे से जुड़े रिश्वत मामले में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। विरुपक्षप्पा को तुमकुरु में क्याथासंद्रा टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया गया है। हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट ने करप्शन मामले में उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान लोकायुक्त के वकील ने जमानत अर्जी पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
बता दें कि पिछले महीने वीरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार मदल को लोकायुक्त ने एक ठेकेदार से 40 लाख रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। छापेमारी के दौरान 8 करोड़ रुपए कैश भी मिले थे। आरोप है कि प्रशांत कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड (KSDL) दफ्तर में अपने पिता की ओर से यह रकम ले रहे थे।
प्रशांत ने 80 लाख घूस मांगी थी, लोकायुक्त बोले- बेटा और पिता, दोनों दोषी
लोकायुक्त अधिकारियों के मुताबिक, प्रशांत कर्नाटक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के 2008 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने साबुन और अन्य डिटर्जेंट बनाने के लिए कच्चे माल को खरीदने की डील के लिए एक ठेकेदार से 80 लाख रुपए की डिमांड की थी। जिसके बाद ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की थी।
शिकायत पर लोकायुक्त ने प्रशांत को रंगे हाथ पकड़ने के लिए योजना बनाई। अधिकारी ने बताया कि KSDL के चेयरमैन और भाजपा विधायक मदल वीरुपक्षप्पा ओर से ये रकम ली गई है। ऐसे में रिश्वत लेने के इस मामले में पिता और पुत्र दोनों आरोपी हैं। हालांकि, विधायक ने इस तरह के किसी भी मामले में शामिल होने से इनकार किया था।
प्रशांत के पिता बोले- मैं किसी टेंडर में शामिल नहीं
प्रशांत के पिता मदल वीरुपक्षप्पा कर्नाटक के दावणगेरे जिले के चन्नागिरी से विधायक हैं। उन्होंने कहा था कि जिस टेंडर के मामले में बेटे ने घूस ली, उसमें मैं शामिल नहीं हूं। वीरुपक्षप्पा के इस्तीफे से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि लोकायुक्त को दोबारा शुरू करने का मकसद राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करना था।
पहले हाई कोर्ट से मिली थी जमानत
लोकायुक्त ने इस मामले में चार और गिरफ्तारियां की हैं। इससे पहले हाइकोर्ट ने पांच लाख रुपए के निजी मुचलके पर अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी थी, जिससे उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण मिला था। जमानत मिलने पर उनके गृह क्षेत्र में समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया था
24 मई से पहले होंगे कर्नाटक में चुनाव
भाजपा विधायक की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब राज्य में चुनाव के लिए सिर्फ दो महीने का समय बचा है। चीफ इलेक्शन कमिश्नर के मुताबिक, कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई, 2023 तक है, उससे पहले ही राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में लोकायुक्त की कार्रवाई चर्चा विषय बना हुई है। भाजपा विधायक के बेटे के खिलाफ हुई ये कार्रवाई चुनावी मुद्दा भी बनी हुई है। इसे लेकर कांग्रेस और आप दोनों ही पार्टियां भाजपा पर हमलावर हैं।
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