22 January 2023 04:50 PM
विजयवाड़ा , 22 जनवरी । तेरापंथ भवन में साध्वी श्री डॉ मंगल प्रज्ञा जी का अपनी सहवर्तिनी साध्वियों के साथ भव्य जुलुस के साथ पादार्पण हुआ। ज्ञानशाला सहित समस्त संस्थाएं पूर्ण उत्साह के साथ संभागी बनी। इस अवसर पर उपस्थित धर्म परिषद को साध्वी श्री जी ने कहा- वैदिक परम्परा में माना जाता है सृष्टि का निर्माण ब्रहमा जी ने किया। कहते हैं, ब्रहमा के मन में, प्रश्न उठा - पूछ तो लूं मेरा कार्य सबको कैसा लगा ! सबने अपनी बात बताई, पर हर निर्माण में मानव कुछ न कुछ गल्तियां निकालता रहा।
सच है हर व्यक्ति नकारात्मक चिन्तन की बीमारी से ग्रस्त है। जहां दूसरों की कमी देखी जाती है, वहां आनंद का जीवन नहीं देखा जाता। मात्र अभाव को देखने वाला आनंद प्राप्त नहीं कर सकता, प्राप्त पदार्थ से संतुष्ट होने का प्रयास करें। जिन्दगी में अधिकतर कठिनाइयां अनावश्यक सोच से होती है। अपनी दृष्टि को बदल कर जिन्दगी का आनन्द लें। धर्म मात्र उपासना नहीं, प्रवचन नहीं, जिन्दगी कैसे जी रहे हैं - इस वाक्य का जीवन में अमल करें। मात्र भाग्य के भरोसे जीवन न जियें। सही दिशा में सही प्रस्थान करें। धर्म चेतना का जीवन में अवतरण होना चाहिए।
साध्वी श्री ने कहा नकारात्मक सोच के कारण व्यक्ति नकारात्मक प्रदार्थ के प्रति आकर्षित हो जाता है। वर्तमान में अपेक्षा है, ऐसी साधना हो जिससे वर्तमान का पुरुषार्थ फलित हो। अपने व्यवहार से अपना नुकसान न करें। विज्ञान का सिद्धान्त है - जैसा सोचते है वैसा घटित हो जाता है। इस अवसर पर साध्वी श्री जी ने समणी पर्याय में की गई अपनी विदेश यात्रा के संस्मरणों को साझा करते हुए कहा- अतीत के व्यवहार को पकड़े नहीं भूलना सीखें। यदि आनंद से जीना है तो सकारात्मकता का विकास करें। बाह्य कारण मात्र निमित्त बनाता है, आन्तरिक सद्गुणों का विकास करें। परिस्थितियों को समझने और सामन्जस्य स्थापित करने का प्रयास करें।
कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानशाला परिवार द्वारा भिक्षु स्तवन के मंगलाचरण से हुआ। तेरापंथ सभा के मंत्री मनोज पुगलिया एवं तेरापंथ महिला मंडल मंत्री शशि सेठिया ने स्वागत - स्वर प्रस्तुत किए। आंध्रप्रदेश, तेलांगना प्रभारी श्री नरेन्द्र जी नाहटा (तेरापंथ महासभा के सदस्य) ने महासभा परिवार की ओर से स्वागत किया। महिला मंडल ने स्वागत में गीत प्रस्तुत किया। तेरापंथ युवक परिषद की ओर से समय नौलखा ने विचार व्यक्त किए। अणुव्रत समिति अध्यक्ष राजेन्द्र जी कोठारी, अणुव्रत समिति के केन्द्र प्रभारी विमल जी बैद ने कहा- प्रबुद्ध साध्वी श्री जी का हम सभी अधिक से अधिक लाभ लेने का प्रयास करें। ज्ञानशाला के बच्चे दीपेश कुण्डलिया एवं विधि कुण्डलिया ने संवाद प्रस्तुत किया। दुबई में प्रवासित राजेन्द्रजी बैंगानी ने साध्वी श्री डॉ मंगल प्रज्ञा जी के प्रति अपने भावना संप्रेषित की, आभार व्यक्त किया, साध्वीश्री से जुड़े संस्मरणों से जुड़े पत्र का वाचन श्री मती चन्दा चोरडिया ने किया।
साध्वी सुदर्शनप्रभा जी, साध्वी सिद्धियशा जी, साध्वी डॉ राजुल प्रभा जी, साध्वी डॉ चेतन्यप्रभा जी, साध्वी श्री डॉ शौर्यप्रभा जी ने अपनी भावना सामूहिक संगान से व्यक्त की। साध्वी राजुल प्रभा जी ने कहा- आज हम एक मंजिल विजयवाड़ा पहुंच चुके हैं। आज साध्वी श्री मंगल प्रज्ञा जी का विजयवाड़ा पादार्पण हुआ है। मंगल और विजय का शुभ संयोग है। यह प्रवास मंगलकारी बने। चतुर्विध तीर्थ की उपस्थिति में आगामी 28 जनवरी को मर्यादा महोत्सव का आयोजन भव्य रूप से होगा, यह हमें विश्वास है। तेरापंथ सभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कोचर ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।
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