30 June 2021 08:56 PM
चूरू, 30 जून (थार न्यूज़)। चूरू जिले की विशिष्टता रही है कि अर्जन के साथ विसर्जन का गणित समझते हुए यहां के धनाढ्यों ने जरूरत के समय परोपकार के काम में हमेशा एक मिसाल पेश की है। जिला मुख्यालय पर स्थित महत्त्वपूर्ण संस्थान राजकीय डेडराज भरतिया जनरल अस्पताल, राजकीय लोहिया महाविद्यालय, राजकीय बागला उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय गोपीनाथ गोइन्का उच्च माध्यमिक विद्यालय, नानीबाई रामकुमार मड़दा स्कूल और मातुश्री कमला गोइन्का टाऊन हॉल से लेकर तोलाराम कोठारी रेल्वे स्टेशन मुसाफिर खाना तक का निर्माण भामाशाहों के सहयोग से संभव हो सका। यह तो केवल एक बानगी है, वास्तव में यहां हर कस्बे-गांव में भामाशाहों, दानदाताओं द्वारा जन हितार्थ किए गए कार्यों के एक से बढ़कर एक उदाहरण मौजूद हैं। ऐसे में कोविड-19 महामारी के दौरान शासन-प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लोगों ने सहयोग किया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कोई भूखा न सोए संकल्प को साकार करने हेतु आम आदमी के दो जून के भोजन का प्रबंध करने से लेकर अस्पतालों में विशाल ऑक्सीजन प्लांट लगाने तक के लिए अपनी कमाई चुटकियों में लगा दी।
मुख्यमंत्री की प्रेरणा और जिला कलक्टर साँवरमल वर्मा के प्रयासों से जिला अस्पताल से लेकर सुदूर गांव में स्थित सब सेंटर तक संसाधन जुटाने में इन लोगों ने अपना योगदान देकर चूरू की इस गौरवशाली परम्परा को निभाया है। भामाशाहों के योगदान पर गौर करें तो सबसे पहले निगाह जाती है जिला मुख्यालय स्थित राजकीय डेडराज भरतिया जनरल अस्पताल पर, जहां संसाधनों और सुविधाओं के सुदृढीकरण में भामाशाहों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। अस्पताल में जहां भरतिया परिवार की ओर से 22 लाख रुपए लागत की एक अत्याधुनिक एंबुलैंस कोविड रोगियों के लिए प्रदान की गई, वहीं भामाशाह गौरीशंकर निर्मलादेवी मंडावेवाला, बालाजी इंडस्ट्रीयल प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड, श्यामसुंदर मुरलीधर सराफ बंगलूरु, विजय कुमार सातड़ेवाला एवं पराक्रम सिंह राठौड़ ने 72 लाख रुपए की लागत से 100 सिलेंडर प्रतिदिन की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट ही स्थापित कर दिया। इसके अलावा कोविड-19 संक्रमण के दौरान रोगियों के लिए ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, गैस आउटलेट फॉर ऑक्सीजन, पल्स ऑक्सीमीटर, हाईफ्लो मास्क, ऑक्सीजन रेग्युलेटर, मास्क, वाटर कूलर, सीलिंग फैन, रूम हीटर, बैड-गद्दे, व्हील चैयर, साबुन, सेनेटाइजर, बैडशीट, गीजर, एचपी लेजर प्रिंटर, स्ट्रेचर, एयर कंडीशनर आदि से अस्पताल के संसाधनों को मजबूत करने वालों की तो एक लंबी फेहरिश्त है।
भामाशाह रफीक मंडेलिया की ओर से करीब पंद्रह लाख रुपए की लागत से चूरू विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक सीएचसी एवं पीएचसी के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर व मास्क प्रदान किए गए। इसके अलावा उन्होंने 15 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, 10 रेगुलेटर एवं 25 ऑक्सीजन सिलेण्डर प्रदान किये। युवा समाजसेवी राहुल खेमका ने अपने स्तर पर लोगों को नि:शुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराए।
सरदारशहर के भत्तूदेवी सोहनलाल मूलचंद मालू मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से जिला प्रशासन को जिले के अस्पतालों में उपयोग के लिए 40 कंसन्ट्रेटर प्रदान किए गए। वाल्मीकि समाज के युवाओं ने खास पहल करते हुए आपणी रसोई संचालित की और चूरू जिला मुख्यालय पर रोगियों, परिजनों एवं अन्य जरूरतमंदों के खाने की व्यवस्था की। इसी प्रकार विभिन्न अन्य संस्थाओं की ओर से भी जनता रसोई आदि व्यवस्थाएं कर संकट के समय लोगों की मदद की गई। रेडक्रॉस सोसायटी ने भी बेहतर कार्य किया और खासतौर पर प्रवासियों को चूरू से जोडऩे का काम हाथ में लिया। सोसायटी के अध्यक्ष जिला कलक्टर साँवरमल वर्मा ने स्वयं इन प्रवासियों को पत्र लिखे और अस्पतालों और उसके बाहर के कोविड प्रबंधन के लिए मदद के लिए प्रेरित किया। सालासर के बालाजी मंदिर प्रबंधन एवं पुजारी मंडल की ओर से 21 लाख रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष में वैक्सीनेशन फंड में दिए गए, वहीं दूसरे लोगों ने भी इस फंड में तथा दूसरी सुविधाओं के लिए धनराशि दी। सालासर के पुजारी परिवार की ओर से 11 लाख रुपए की लागत के ऑक्सीजन सिलेंडर, कंसन्ट्रेटर एवं रेग्युलेटर प्रदान किये गए। भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय व्यावसायिक कार्यालय की ओर से करीब पांच लाख की लागत से 5 हजार ट्रिपल लेयर मास्क, 2000 एन-95 मास्क, सेनेटाइजर एवं अन्य उपयोगी दवाएं प्रदान की गईं।
राजगढ़ में विधायक कृष्णा पूनिया की पहल पर कोरोना पीडि़त सहायता दल का गठन किया गया, जिसकी पहली ही बैठक में दानदाताओं व जन सहयोग से 16.50 लाख रुपए एकत्र हुए, जिनका उपयोग रोगियों की दवाओं, स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों तथा फ्रंटलाइन वर्कर, हैल्थ वर्कर, पुलिस, नगर पालिका, डॉक्टर एवं वार्ड सदस्यों को इस दृष्टि से मजबूत बनाने के लिए किया गया। प्रत्येक आशा सहयोगिनी, स्वास्थ्य कर्मी को ऑक्सीमीटर एवं थर्मल स्कैनर उपलब्ध करवाए गए। अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, जनरेटर आदि सुविधाएं मुहैया कराई गई।
रतनगढ़ जनरल अस्पताल में विभिन्न भामाशाहों ने 32 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए। इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर, पल्स ऑक्सीमीटर, सर्जिकल मास्क, मेडिसिन, ऑक्सीजन मास्क आदि के रूप में जन सहयोग दिया गया। सरदारशहर में भत्तुदेवी सोहनलाल मूलचंद मालू मेमोरियल ट्रस्ट, महेंद्र नाहटा, जुगल किशोर बैद सहित दानदाताओं ने बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध करवाए तथा ऑक्सीजन मास्क, पीपीई किट, रेगुलेटर आदि उपलब्ध करवाए। कोविड केयर सेंटर संचालन के लिए गांधी विद्या मंदिर की ओर से मिलाप भवन 6 माह के लिए प्रशासन को नि:शुल्क रूप से उपलब्ध करवाया गया।
इसी प्रकार तारानगर ब्लॉक के साहवा में जीआर ग्रुप की ओर से करीब 35 लाख रुपए की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है। तारानगर ब्लॉक के शिक्षकों ने एक पहल करते हुए करीब 20 लाख रुपए मेडिकल उपकरण खरीदने के लिए एकत्र किए। इसी प्रकार भालेरी पीईईओ क्षेत्र के शिक्षकों व अन्य कार्मिकों द्वारा करीब 3.5 लाख रुपए एकत्र कर सीबीसी मशीन व अन्य संसाधन दिए गए। इसके अलावा कार्मिकों, भामाशाहों द्वारा कंसन्ट्रेटर सहित विभिन्न मेडिकल उपकरणों के लिए लाखों खर्च किए गए।
सुजानगढ़ में हारे का सहारा टीम ने कोरोना काल में काल का ग्रास बने लोगों के अंतिम संस्कार का कार्य किया और प्रशासन का काम आसान किया। सुजानगढ़ नागरिक परिषद सूरत की ओर से ऑक्सीजन व दवाओं की व्यवस्था की गई। स्वयंसेवी संस्था मरूदेश संस्थान की ओर से विधायक मनोज मेघवाल के नेतृत्व में राशन किट वितरित किए गए तथा सेनेटाइजर, मास्क वितरित किए गए। हिंदुस्तान पैट्रोलियम की ओर से सुजानगढ़ के राजकीय चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है।
कहा जा सकता है कि जिलेभर में कोविड संकट प्रबंधन में भामाशाहों, दानदाताओं ने आगे बढ़कर मदद की और एक तरफ संकट की इस घड़ी में पीडि़तों को भरोसा दिलाया कि वे अकेले नहीं है, वहीं शासन-प्रशासन के हाथ भी मजबूत किए। किसी भी समाज व देश के लिए उसके नागरिकों की यही सबसे अहम भावना है, जो उसे कमजोर नहीं होने देती।
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