14 May 2023 09:46 PM
कर्नाटक में मुख्यमंत्री को लेकर फंसा पेंच ! CLP मीटिंग में भी नहीं निकला कोई हल।
नयी दिल्ली , 14 मई। मुख्यमंत्री को लेकर फंसा पेंच ! CLP मीटिंग में भी नहीं निकला कोई हल, विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर छोड़ा फैसला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे रविवार को दिल्ली लौट आए। उधर कर्नाटक में सरकार बनाने पर चर्चा के लिए कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक बेंगलुरु में एक होटल में हुई। दिल्ली पहुंचने के बाद खड़गे ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के पर्यवेक्षक कर्नाटक में पार्टी विधायकों की राय से आलाकमान को अवगत कराएंगे।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा तलाश करना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। विधायक दल ने सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निर्णय पर छोड़ने का फैसला किया है। मालूम हो कि कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री के लिए नेता विपक्ष सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच जबरदस्त रेस है। इन दोनों के समर्थकों ने भी बेंगलुरू के सियासी गलियारों में उतर कर मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी को गरमा दिया है।
सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार
कांग्रेस ने इससे पहले तीन वरिष्ठ नेताओं सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर इन्हें विधायकों की राय जानने का जिम्मा सौंपा था। कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बेशक डीके शिवकुमार ने अभी अपनी दावेदारी नहीं छोड़ी है मगर पार्टी हलकों से मिल रहे संकेतों से साफ है कि सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं।
ऐसा लगता है कि कर्नाटक (Karnataka) में मुख्यमंत्री चुनने का पेंच फंस गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस विधायक दल(CLP) ने सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल का नेता यानी मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाने का फैसाल AICC अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) पर छोड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेताओं सिद्धरमैया (Siddaramaiah) और डी. के. शिवकुमार (DK Shivakumar) के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की दौड़ काफी तेज है।
कांग्रेस विधायक दल की रविवार शाम कर्नाटक की राजधानी में एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया। इस बीच पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे रविवार को दिल्ली लौट आए। उधर कर्नाटक में सरकार बनाने पर चर्चा के लिए कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक बेंगलुरु में एक होटल में हुई। दिल्ली पहुंचने के बाद खड़गे ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के पर्यवेक्षक कर्नाटक में पार्टी विधायकों की राय से आलाकमान को अवगत कराएंगे और इसके बाद मुख्यमंत्री के चयन को लेकर फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए सब कुछ ठीक-ठाक रहा है और जल्द ही सरकार बनाएंगे।
इससे पहले कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार ने संकेत दिया कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी को साथ लेकर चले और कभी भी अपने लिए कुछ नहीं मांगा। उन्होंने अपने और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बीच मतभेदों की खबरों को भी खारिज कर दिया। शिवकुमार ने तुमकुरु के नॉनविनकेरे में पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस और विधायक दल कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे।
इस सवाल पर कि लोगों की पसंद के बजाय मेहनत करने वालों को वरीयता दी जानी चाहिए, शिवकुमार ने कहा कि जब 2019 के उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद सिद्धरमैया और दिनेश गुंडू राव ने क्रमशः कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य इकाई के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था, तब कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन पर विश्वास जताया था और उन्हें राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाया था।
कर्नाटक से दोपहर में यहां लौटे खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता राज्य के लोगों की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि पार्टी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि किस ने पार्टी को वोट दिया और किस ने नहीं दिया।
राज्य में 224-सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट जीतीं,तीं जबकि सत्तारूढ़ भाजपा और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की अगुवाई में जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं।
'आलाकमान अपना निर्णय लेगा'
खड़गे ने यहां पहुंचने के बाद हवाईअड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारे पर्यवेक्षक बेंगलुरू गए हैं, वे शाम को पहुंचेंगे। इसके बाद सीएलपी (कांग्रेस विधायक दल) की बैठक होगी, जिसके बाद जो भी राय बनेगी, उसके बारे में आलाकमान को अवगत कराया जायेगा। इसके बाद आलाकमान अपना निर्णय लेगा।’’
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार दोनों ही मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। दोनों ने विधायक दल की बैठक से पहले अपने समर्थक विधायकों के साथ बैठक की। विधानसभा चुनाव में पार्टी की शानदार जीत के बाद कर्नाटक से लौटने पर कांग्रेस अध्यक्ष का उनके 10 राजाजी मार्ग स्थित आवास पर जबरदस्त स्वागत किया गया और समर्थकों ने उनके पक्ष में नारे लगाये।
अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में खड़गे ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हुई जीत लोगों की जीत है। उन्होंनेन्हों कहा, ‘‘कर्नाटक की जनता ने भाजपा को नकार दिया है। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से पीड़ित जनता ने कांग्रेस की भारी बहुमत से जीत सुनिश्चित की है।’’उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सबसे बड़ा जनादेश मिला है और वह राज्य में स्थिर सरकार चाहती है। खड़गे ने कहा कि लोगों, विशेषकर गरीबों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों और दलितों ने कांग्रेस की पांच गारंटी को स्वीकार किया है और उनकी अपेक्षाओं के अनुसार इन्हें लागू किया जायेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने मंत्रिमंडल के गठन के पहले दिन पांच गारंटी पर काम शुरू कर देंगे और इन्हें लागू करेंगे... इसलिए हमें बड़ा जनादेश मिला है, हमें जनता की सेवा करनी है।’’
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