20 March 2023 07:40 PM
बीकानेर, 20 मार्च। बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय, बीकानेर का प्रथम दीक्षांत समारोह राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. कृष्ण किशोर अग्रवाल, अध्यक्ष, एनबीए एवं संस्थापक कुलपति, गुरु गोविन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अनावरण, हॉस्टल बिल्डिंग का शिला पूजन व विश्विद्यालय कैंटीन का लोकार्पण भी किया गया।
दीक्षांत समारोह के दौरान इस वर्ष बीटेक 1481, बीटेक (होनर्स) 16, एमबीए 576, एमसीए 101, एमटेक 7, पीएचडी 1 सहित कुल 2182 डिग्रीयां प्रदान की गई एवं स्वर्ण पदक की श्रेणी में बीटेक 14, एमबीए 2, एमसीए 1 पाठ्यक्रम सहित कुल 17 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के विद्यार्थी श्री अरविन्द कुमार को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई एवं प्रो. केके अग्रवाल को डी.एससी की डिग्री भी प्रदान की गई। राज्यपाल श्री मिश्र ने दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय और सभी डिग्री तथा स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई व उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं प्रदान की।प्रथम दीक्षांत समारोह में विभिन्न सम्बद्ध महाविद्यालयों के निदेशक/प्राचार्य, विश्वविद्यालय प्रबन्ध मण्डल एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, राजभवन से पधारे अधिकारीगण, विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष, कुलसचिव, समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण, संकायसदस्य, शिक्षकगण, शिक्षाविद, विद्यार्थी व उनके अभिभावकण, प्रशासनिक अधिकारीण, गणमान्य नागरिक, मीडिया के प्रतिनिधिगण एवं आमंत्रित विशिष्ठ अतिथिगणों ने शिरकत की।
प्रथम दीक्षांत समारोह को वर्चुअल संबोधित करते हुए माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने डिग्री और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस इस अवर पर उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह औपचारिक शिक्षा प्राप्ति के उद्घोष और विद्यार्थिंयों के नव जीवन प्रवेश का पर्व है। दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं बल्कि अर्जित ज्ञान से जीवन में निंरतर महत्वपूर्ण कुछ करने का अथ है। श्री मिश्र ने उपनिषदों में लिखित श्लोक “सत्यं वदं, धर्ममचर-स्वाध्यायन्मा प्रमदः” उदहारण प्रस्तुत करते हुए बताया कि सत्य की राह पर चलते हुए धर्म का आचरण करें और स्वाध्याय से सीखे ज्ञान का जीवन की उत्कृष्टता के लिए उपयोग करें। विद्यार्थी अपने अर्जित प्रौद्योगिकी ज्ञान का राष्ट्र और समाज की भलाई के लिए अधिकाधिक उपयोग करें। आम व्यक्ति के जीवन को कैसे सस्ती और सुलभ यांत्रिकी मिले, इस पर भी हमारा पूरा ध्यान केन्द्रित होना चाहिए। देश में जो नई शिक्षा नीति लागू की गयी है, उसमें प्रौद्योगिकी शिक्षा के व्यावहारिक प्रसार पर विषेष ध्यान दिया गया है। हमारी शिक्षा नीति का उदेश्य ही यही है कि ज्ञान आधारित जीवंत समाज का निर्माण हो। तकनीकी शिक्षा का उदेश्य ही यही है कि छात्रों में निहित अद्वितीय क्षमताओं को पहचानते हुए उन्हें भविष्य के अवसरों के लिए तैयार किया जाए। बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रमों में मानवीय मूल्यों का समावेश करने और विद्यार्थियों के चारित्रिक कौशल निर्माण और नैतिक उन्नयन से जुड़े पाठ्यक्रमों की पहल, रोजगार नियोजन में किए गए अमूल्य प्रयास के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अम्बरीष शरण विद्यार्थी और उनकी पूरी टीम की राज्यपाल ने सराहना की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की उद्यमिता विकास के लिए भी विश्वविद्यालय निरंतर प्रोत्साहित करे।
प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए माननीय कुलपति प्रो.अम्बरीश शरण विद्यार्थी ने दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र के आतिथ्य के लिए विश्वविद्यालय परिवार के ओर से हार्दिक आभार प्रकट किया। प्रो. विद्यार्थी द्वारा स्वागत उद्बोधन और प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमारे लिए गौरव का क्षण है कि आज हम प्रथम दीक्षान्त समारोह का आयोजन करने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय स्थापना के बाद से हम भारत के विभिन्न राज्यों के प्रतिभाशाली और समर्पित शोधकर्ताओं और शिक्षकों को आकर्षित करने में सफल रहे हैं। अपनी स्थापना के साथ ही बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय तकनीकी ज्ञान के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास हेतु दृढ़ संकल्पित होकर कार्य कर रहा है। हमने तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता निर्धारण करते हुए तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नवीन शिक्षा नीति को लागू करने वाले प्रथम विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त किया हैं।
विश्वविद्यालय नवसृजित होने के उपरान्त भी अनुकरणीय दक्षता के साथ कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति करते हुए विद्यार्थियों के कल्याण हेतु दृढ़-संकल्पित है। सभी हितधारकों के अमूल्य प्रयासों से बीटीयू आज वृहद स्वरूप कि और अग्रसर हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षण और अनुसंधान के उच्चतम स्तर को प्राप्त करने में सक्षम होगा। हम सब मिलकर विश्वविद्यालय को नई उंचाइयों पर ले जायेगे तथा अपने सामूहिक प्रयासों से राज्य ही नहीं अपितु देश को विकसित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। विश्वविद्यालय सभी सम्बद्ध महाविद्यालयों का विकास एवं छात्रों की शिक्षा को रोजगारपरक एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने हेतु लगातार प्रयास कर रहा है, जिससे राज्य के शिक्षक एवं छात्र तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सम्पूर्ण भारत ही नहीं वरन् विश्व पटल पर अपनी पहचान कायम कर सके। इस अवसर पर उन्होंने डिग्री तथा स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई व शुभकामनाएं प्रदान की एवं दीक्षांत समारेाह के सफल आयोजन के लिए आभार प्रकट किया।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. कृष्ण किशोर अग्रवाल,अध्यक्ष एनबीए ने दीक्षान्त भाषण प्रदान करते हुए दीक्षांत समारोह में सभी डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थिओं को जिम्मेदार नागरिक के रूप में भविष्य में आने वाली चुनौतियों का साहसपूर्वक निवर्हन करने के लिए शुभकामनाएँ प्रदान की। उन्होंने विद्यार्थियों के एक अच्छा इंजीनियर और एक अच्छा नागरिक बनने और कौशल विकास पर जोर दिया। राष्ट्रीय शिक्षा निति के निति निर्माताओं ने इसे बहुत ही अच्छी तरह से वैश्विक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए निर्माण किया हैं। हमें शिक्षा को विद्यार्थियों के मानस पटल पर परिणित करना होगा। विद्यार्थी अपनने रूचि अनुसार अपने फील्ड में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। अकादमिक उत्कृष्टता के साथ बीटीयू ने सराहनीय कार्य किया हैं। की राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को शिक्षा के वैश्विक केंद्र के तौर पर स्थापित करेगी, इस नई नीति से दुनिया के शीर्ष स्तर पर भारत की उच्च एवं तकनीकी शिक्षा व्यवस्था को एक नई दशा और दिशा मिलेगी। नई शिक्षा नीति में हर छात्र को सशक्त करने का रास्ता दिखाया गया है, साथ ही यह युवाओं को ज्ञान और कौशल दोनों मोर्चों पर तैयार करेगी जिससे शिक्षा व्यवस्था में सुदृढ शैक्षिक पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण होगा । विश्वविद्यालय का मुख्य कार्य छात्रों को उनके संबंधित विषयों में एक मजबूत आधार के साथ राष्ट्र के लिए जिम्मेदार और नवीन वैश्विक एवं सामाजिक रूप से स्वीकृत उत्कृष्ट नागरिकों के रूप में तैयार करने के साथ राष्ट्र के लिए जिम्मेदार और नवीन वैश्विक एवं सामाजिक रूप से स्वीकृत उत्कृष्ट नागरिकों के रूप में तैयार करना भी है। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति श्री अंबरीष शरण विद्यार्थी को बधाई प्रदान करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि जिस कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ इस विश्वविद्यालय का संचालन हुआ है, यह विश्वविद्यालय गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा के साथ तकनीकी शिक्षा में देश का बड़ा केन्द्र बनेगा। दीक्षांत समारोह के अंत में कुलसचिव अशोक सांगवा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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