29 March 2023 05:22 PM
बीकानेर , 29 मार्च। बीकानेर जिले में आज स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हुई जिसके चलते रोगी परेशान होते रहे। "राइट टू हेल्थ" बिल के विरोध में चल रहे आंदोलन के बीच बुधवार को पीबीएम अस्पताल में ओपीडी बंद रहा। बड़ी संख्या में रोगी परेशान होते रहे। बाद में सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी खुद मैदान में उतरे और सामान्य रोगियों का चैक अप करने लगे। हालांकि इससे रोगियों को खास राहत नहीं मिल सकी।
प्राइवेट अस्पतालों के बंद होने के बाद बुधवार को सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स भी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। ऐसे में पीबीएम अस्पताल पर सबसे ज्यादा दबाव है। खासकर मेडिसिन के ओपीडी में लोगों की भारी भीड़ है। सुबह ओपीडी शुरू ही नहीं हुआ। बुखार, खांसी, जुकाम सहित वायरल के अनेक रोगों से पीड़ित रोगियों को देखने वाला कोई नहीं था। रोगी के परिजनों ने हंगामा किया तो मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल गुंजन सोनी खुद मैदान में उतरे। कई सीनियर डॉक्टर्स को भी ओपीडी में तैनात किया गया। ओपीडी शुरू तो हुआ लेकिन रोगी संतुष्ट नहीं हुए।
पांच सौ डॉक्टर हड़ताल पर
संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में व्यवस्थाएं बिगड़ गई है। बुधवार को पांच सौ से ज्यादा रेजीडेंट और नियमित डॉक्टर्स अवकाश पर रहे। राज्य सरकार के सख्त निर्देशों की अवहेलना करते हुए रेजीडेंट और अन्य डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए। एक साथ डॉक्टर्स की छुट्टी से सभी विभागों में रोगियों की लंबी कतार लग गई है।
संभागीय आयुक्त अस्पताल पहुंचे
बाद में संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन पीबीएम अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। पीबीएम अधीक्षक डॉ. पी.के. सैनी से रोगियों के बारे में जानकारी ली। अस्पताल में भर्ती रोगियों के बारे में भी रिपोर्ट ली गई। हालांकि भर्ती रोगियों के इलाज में ज्यादा परेशानी नहीं हो रही, क्योंकि नर्सिंग कर्मियों ने व्यवस्था संभाली हुई है। संभागीय आयुक्त के पहुंचने के बाद ही कुछ सीनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी में काम शुरू किया।
इधर मेडिकल कॉलेज से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि डॉक्टर्स संगठनों के कार्य बहिष्कार के बावजूद पीबीएम में स्वास्थ्य सेवाएं चाक चौबंदरही
बुधवार से रेजिडेंट डॉक्टर संघ तथा राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिशन के कार्य बहिष्कार को देखते हुए प्रधानाचार्य डॉ गुंजन सोनी ने कुशल प्रबंधन करते हुए ओपीडी सेवा के लिए वरिष्ठ आचार्यों की ड्यूटी लगा दी है इसी के साथ स्वयं ओपीडी मरीजों को देख रहे हैं भर्ती मरीजों के लिए भी वरिष्ठ आचार्य, नर्सिंग स्टाफ पैरामेडिकल स्टाफ आदि को विशेष निर्देश दिए गए पीबीएम अस्पताल से कोई भी मरीज इलाज के अभाव में जाना नहीं चाहिए।.इसी के साथ इंटर्न डॉक्टर भी अपनी सेवाएं पूरी मुस्तैदी के साथ दे रहे हैं जिससे भर्ती मरीजों को कोई प्रकार की असुविधा नहीं होगी। राजस्थान सरकार के निर्देशों की पालनार्थ कॉलेज प्रशासन आम जन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह वरिष्ठ आचार्य दे रहे ओपीडी में अपनी सेवाएं
प्रधानाचार्य डॉ गुंजन सोनी, डॉक्टर संजय कोचर, डॉ स्वाति फलोदिया, डॉक्टर सुनील बुडानिया, डॉक्टर पिंटू नाहटा, डॉ मनोहर, डॉक्टर नरेंद्र डारा, वरिष्ठ आचार्य, डॉक्टर प्रमोद ठकराल, डॉ राजेंद्र सौगात, सहित अनेक वरिष्ठ आचार्य कार्य बहिष्कार के दौरान अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
बीकानेर में लगभग तीन दर्जन छोटे-बड़े निजी चिकित्सालय हैं। यहां सफाईकर्मी, चपरासी, वार्ड बॉय से लेकर चिकित्सा-गैर चिकित्सा कार्यों से जुड़ा एक बड़ा समूह ऐसा है, जो दिहाड़ी मजदूरों की तरह कार्य करता है। अधिकांश लोग संविदा पर व दैनिक मजदूरी पर होते हैं। ऐसे में उनके चूल्हे तक ठंडे पड़ने की नौबत आ चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक, अकेले बीकानेर शहर में लगभग पांच सौ परिवारों पर इसका सीधा असर पड़ा है, जिनके सदस्य किसी न किसी छोटे निजी चिकित्सालय से जुड़े हैं।
अब तक 50 लाख से ज्यादा का नुक़सान
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ विकास पारीक की मानें, तो जिले में 10 से 12 अस्पताल बड़े हैं और लगभग 20 से 22 छोटे अस्पताल हैं। इन सभी अस्पतालों को इस हड़ताल की अवधि के दौरान 50 से 60 लाख रुपए तक का नुक़सान हो चुका है। छोटे नर्सिंग होम संचालकों को प्रतिदिन करीब 50 हजार रुपए की चपत लग रही
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