30 January 2021 12:50 PM
बीकानेर 30 जनवरी। ब.ज.सि. रामपुरिया जैन विधि महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के अन्तर्गत महात्मा गांधी जी पुण्य तिथि पर एक गोष्ठी का अयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. अनन्त जोशी ने महात्मा गांधी के प्रेरणा प्रसंगों के माध्यम से स्वयंसेवको को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अहिंसा से तात्पर्य केवल शारीरिक हिंसा को त्यागना ही नहीं बल्कि मन व वचन से दूसरों की बुराई करना भी हिंसा का ही एक रूप है। अतः युवाओं को गांधी दर्शन को अपने जीवन में चरितार्थ कर राष्ट्र सेवा में आगे आना चाहिए। युवाओं को सत्य, अहिंसा और परोपकार को अपने जीवन में चरितार्थ करने के लिये प्रेरित किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए महाविद्यालय के वरिष्ठ व्याख्याता एस. के. भाटीया ने कहा कि महात्मा गांधी को याद करने मात्र से ही उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित नहीं होगी। उनकी सच्ची श्रद्धांजलि तभी है जब स्वयंसेवक ‘सादा जीवन उच्च विचार’ के आदर्श को अपने जीवन में अंगीकार करे और अह्म, दुर्भावना, द्वेष जैसी बुराईयों से दूर रहकर, सत्य व अहिंसा के मार्ग को अपनाएं ।
कार्यक्रम अधिकारी डाॅ रीतेश व्यास ने सभी स्वयंसेवको को 2 मिनट का मौन एवं ‘‘सत्य, अहिंसा और परोपकार‘‘ के रास्ते पर चलने की शपथ दिलाई।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के डाॅ. बाल मुकन्द व्यास, डाॅ शराफत अली, डाॅ राकेश धवन, श्रीमती प्रिती कोचर, भरत जाजडा, मगन सोलंकी, विजय प्रकाश मारू, रवीन्द्र सिंह, कमलेष ओझा, श्रीकान्त शर्मा, ब्रिज नारायण बिस्सा, विमल मारू उपस्थित थे।
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