23 June 2022 03:16 PM
बीजेपी की चाल या ड्रामे में नया ट्विस्ट?
मुम्बई , 23 जून। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार (Uddhav Thackeray Government) की कुर्सी हिल चुकी है। माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे किसी भी समय इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं। दरअसल शिवसेना प्रमुख की अपनी ही पार्टी से पकड़ ढीली पड़ गई है। शिवसेना में बगावत का बिगुल बजाकर एकनाथ शिंदे दो तिहाई के करीब विधायक लेकर गुजरात और अब असम में डेरा जमाए बैठे हैं। वहीं इस पूरे घटनाक्रम की असली सूत्रधार माने जाने बीजेपी खुद को पाक-साफ बताने में जुटी है। बीजेपी एक तरफ खुद से इस घटनाक्रम को शिवसेना का अंदरुनी मामला बता रही है, वहीं दूसरी तरफ बागी विधायकों के ठहरने और सुरक्षा के इंतजाम बीजेपी शासित गुजरात और असम में युद्ध स्तर पर किए गए हैं। विधायकों की सुरक्षा ऐसी है कि कोई बाहरी परिंदा भी वहां उड़ नहीं सकता।
दरअसल महाराष्ट्र में मचे इस सियासी घमासान से अगर किसी को फायदा होने वाला है तो वह एकमात्र बीजेपी ही है। कभी शिवसेना की सहयोगी रही बीजेपी ने गठबंधन में साथ रहकर चुनाव लड़ा था लेकिन इसे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की महत्वाकांक्षा कहें या कुछ और। शिवसेना ने गठबंधन की प्रचंड जीत के बावजूद बीजेपी से नाता तोड़ लिया था। इसके बाद शिवसेना ने अपनी विरोधी रही कांग्रेस और एनसीपी के साथ महा विकास अघाडी की अगुवाई में सरकार बना ली थी। 5 सालों तक मुख्यमंत्री बने रहने की तैयारी में जुटे उद्धव ठाकरे का बोरिया-बिस्तर बुधवार रात से मातोश्री भेजा जाने लगा है।
यह शिवसेना का अंदरूनी मामला: बीजेपी
महाराष्ट्र में हो रहे इतने बड़ घटनाक्रम के बावजूद बीजेपी का कहना है कि यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सत्ता के लिए शिवसेना ने हिंदुत्व का रास्ता छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाई, जनादेश का अपमान किया और हमें (BJP) धोखा दिया। इस अनैतिक और असामान्य गठबंधन को तोड़ना पड़ा।
पार्टी को संभाल भी नहीं पाए उद्धव ठाकरे
बीजेपी नेता कहा कि उद्धव ठाकरे की ये नाकामी है कि वो अपनी पार्टी को संभाल भी नहीं पाए। कभी अजित पवार कांड में हाथापाई करने वाली बीजेपी अब जल्दबाजी के मूड में नहीं है, इसलिए पूरे खींचतान की कमान अभी शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे के हाथ में है। शिंदे, शिवसेना के अन्य बागी विधायकों के साथ, अब एक अन्य बीजेपी शासित राज्य असम में हैं। वे बुधवार सुबह सूरत से गुवाहाटी पहुंचे।
पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी की पैनी नजर
शिंदे ने दावा किया है कि पार्टी के 55 में से 40 विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने सात निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा किया है। मंगलवार को उद्धव ठाकरे से फोन पर हुई बातचीत के दौरान शिंदे ने पार्टी में वापस लौटने के लिए कई शर्तें रखीं। इसका जवाब उन्हें अब तक नहीं मिला है। तब तक बीजेपी परदे के पीछे से पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए है।
शिवसेना विधायक ने की बीजेपी से संबंध सुधारने की वकालत
उधर, महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाइक ने बुधवार को कहा कि पार्टी को बीजेपी के साथ अपने संबंधों को फिर से मजबूत करने चाहिए। शिवसेना विधायक का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठबंधन वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। दरअसल, एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के बागी विधायकों के विद्रोह के कारण महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गंभीर संकट का सामना कर रही है।
गुवाहाटी के उस होटल के अंदर का वीडियो सामने आया है जहां एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के बागी विधायक रुके हुए हैं। देखें वीडियो#EknathShindeViralVideo #EknathShindeVideo #MaharashtraPoliticalCrisis pic.twitter.com/9x1NvL6PlO
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) June 22, 2022
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