08 February 2021 05:31 PM
बीकानेर 8 फरवरी। आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा एवं भूगर्भ विभाग राजकीय डूंगर महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में छः दिवसीय शिक्षक दक्षता संवर्धन कार्यक्रम ज्ञान गंगा का शुभारंभ सोमवार को हुआ। जिसके तहत अद्यतन ज्ञान संवर्धन, कौशल एवं नवाचार प्रशिक्षण को प्रोत्साहन करने एवं संस्थागत क्षमता संबलम हेतु विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों के भूगर्भ विज्ञान विषय के संकाय सदस्य लाभान्वित होंगे। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी. पी. सिंह ने भूगर्भ विज्ञान विभाग को सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए सभी आगंतुकों का स्वागत किया। इससे पूर्व कार्यक्रम के समन्वयक डॉ ए.के. यादव ने ज्ञान गंगा कार्यक्रम की जानकारी देते हुए भूगर्भ विज्ञान विभाग का परिचय करवाया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. शिशिर शर्मा प्राचार्य राजकीय महारानी सुदर्शना कन्या महाविद्यालय ने भूगर्भ विज्ञान विषय में आयोजित कार्यक्रम से प्रतिभागियों को अधिकाधिक लाभ उठाने का आह्वान किया। डाॅ. शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में भूगर्भ विज्ञान के मूल को समझना अत्यावश्यक है। डाॅ. शिशिर ने आयुक्तालय से इस प्रकार के कार्यक्रम महारानी कॉलेज को भी आवंटित किए जाने का आग्रह किया। विशिष्ट अतिथि सहायक निदेशक काॅलेज शिक्षा डॉ राकेश हर्ष ने आयुक्तालय के ज्ञान गंगा कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम महाविद्यालय शिक्षकों के लिए ज्ञानवर्धक एवं कौशल परक साबित हो रहा है साथ ही उन्होंने भूगर्भ विभाग का अपने शोध शोध कार्य में सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. बी. एल. शर्मा, संयुक्त निदेशक रूसा आयुक्तालय जयपुर ने ज्ञान गंगा कार्यक्रम एवं कॉलेज शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए ई-कंटेंट की सराहना की। आयुक्तालय के प्रतिनिधि डॉ. शिवांगना शर्मा ने ज्ञान गंगा कार्यक्रमों के तहत कॉलेज शिक्षकों द्वारा उत्साह एवं उनके साथ सहभागिता की सराहना करते हुए बताया कि हजार से अधिक शिक्षक इस कार्यक्रम में अब तक लाभान्वित हो चुके हैं। आयोजन सचिव डॉ देवाराम ने बताया कि ज्ञान गंगा कार्यक्रम में नवाचार परक के रूप में महाविद्यालय शिक्षकों के अतिरिक्त शिक्षकों के निर्देशन में शोध कर रहे शोधार्थी एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के विद्यार्थियों को जोड़ते हुए इस कार्यक्रम से लाभान्वित किया जा रहा है। कार्यक्रम के संयोजक डॉ देवेश खंडेलवाल ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी प्रतिभागियों से कार्यक्रम में पूर्ण मनोयोग से जुड़कर लाभान्वित होने का आह्वान किया।
प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ शिशिर शर्मा ने बेसिन विश्लेषण एवं अवसादीकी परिपेक्ष के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। द्वितीय व्याख्यान में खान एवं भूविज्ञान विभाग के अतिरिक्त निदेशक प्रदीप अग्रवाल ने विभिन्न खनन नियमों एवं खनन नीतियांे के बारे में विस्तृत एवं महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई। प्रायोगिक सत्र में विभागाध्यक्ष डॉ ए.के. यादव ने सूक्ष्मदर्शी स्लाइड निर्माण के पहलुओं पर ऑनलाइन प्रदर्शन के माध्यम प्रशिक्षित किया। तकनीकी सत्र के पश्चात राजकीय बांगड़ महाविद्यालय डीडवाना के डॉ अरुण व्यास ने सत्रावसान पर टिप्पणी करते हुए संक्षिप्त सार प्रस्तुत किया। डॉ विजय कुमार मटोरिया ने सभी संदर्भ व्यक्तियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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