14 May 2021 08:57 PM
कोटा, 14 मई (थार न्यूज़)। प्रदेश में शैक्षणिक सत्र 2021-22 से इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए तकनीकी शिक्षा उच्च मानकों के साथ उनके कॅरियर निर्माण हेतु नए आयाम स्थापित करने जा रही हैं। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरए गुप्ता के सफल निर्देशन में हाल ही में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिएशन (एनबीए) द्वारा आरटीयू के बीटेक इंजीनियरिग प्रोग्राम की इलेक्ट्रिकल, सिविल, कम्प्यूटर, इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल तथा प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल ब्रांचों को एनबीए की मान्यता प्रदान की गई हैं, जिसके साथ ही आरटीयू प्रदेश का सर्वाधिक एनबीए एक्रेडिटेशन वाला प्रथम तकनीकी विश्वविद्यालय बन गया है।
विवि के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को मान्यता मिलने से विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण स्नातकों को खाड़ी देशों, अमेरिका तथा इंग्लैंड सहित अन्य कई देशों के पाठ्यक्रमों के समकक्ष मान्यता मिलेगी। यह मान्यता अंतराष्ट्रीय वाशिंगटन समझौते के अनुरूप है, जिसमें एनबीए भी एक हस्ताक्षरकर्ता है। वाशिंगटन समझौते की अनुपालना के अनुरूप किसी भी विवि के एनबीए मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों को अन्य हस्ताक्षरकर्ता देशों में वैश्विक मान्यता हासिल होती है, जिनमें आस्ट्रेलिया, कनाडा, ताइवान, हांगकांग, आयरलैंड, जापान, इंग्लैंड तथा अमेरिका सहित 50 से अधिक देश शामिल हैं, जिसमे विद्यार्थी इन देशों में रोजगार के अंतराष्ट्रीय विकल्प प्राप्त होंगे। एक्रेडिटेशन मिलने के साथ ही विवि कई प्रकार के अनुदान प्राप्त कर सकेगा, जो तकनीकी शिक्षा के प्रचार-प्रसार में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. आरए गुप्ता ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय अशोक गहलोत को आरटीयू द्वारा अर्जित एनबीए एक्रेडिटेशन की उपलब्धि से अवगत कराया गया। विवि के कुलाधिपति महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्र ने तकनीकी शिक्षण की गुणवत्ता में नवाचार की उपलब्धि हासिल करने पर विवि परिवार को बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी कुलपति प्रो. गुप्ता के नेतृत्व में विवि इसी तरह से गुणवत्ता में न केवल प्रदेश में बल्कि देशभर के अग्रणी तकनीकी संस्थाओं में अपना स्थान बनाएगा। उन्होंने आरटीयू के सभी विधार्थियों को अपनी शुभकामनाएं प्रदान की।
तकनीकी शिक्षा मंत्री माननीय डॉ. सुभाष गर्ग ने आरटीयू कुलपति व विवि प्रशासन को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए शुभकामाएं प्रदान की और भविष्य में भी इस प्रकार के नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने आशा व्यक्त हैं कि प्रदेश के अन्य इंजीनियरिंग संस्थान भी शीघ्र ही अपने बीटेक प्रोग्राम की गुणवत्ता पर ध्यान देते हुए एनबीए एक्रेडिटेशन हेतु आवेदन करेंगे, ताकि प्रदेश में आने वाले समय में और बेहतर तकनीकी मानव संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे।
कुलपति प्रो. गुप्ता ने कहा कि आरटीयू परिवार के लिए यह गौरव का पल है, जिसे मैं इस योजना को साकार रूप देने में मेरे सहयोगियों को समर्पित करता हूँ। उन्होंने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों और नियोक्ताओं ने आज एनबीए कॉलेजों को अपने प्लेसमेंट की प्राथमिकता में शामिल किया हैं। रैंकिंग की इस विश्वसनीय प्रणाली विद्यार्थियों के विश्वास की अवधारणा को विकसित किया हैं। नि:संदेह एनबीए एक्रेडिटेशन से आरटीयू की ख्याति वैश्विक शैक्षिक केंद्र के रूप में विकसित होगी।
डीन प्रो. अनिल के माथुर ने बताया कि आरटीयू के बी.टेक. की क्वालिटी तथा लोकप्रियता के चलते 2021 से कम्प्यूटर में सीटों की संख्या 60 से बढ़ाकर 120 की जाएगी। इसी तरह इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल तथा इलेक्ट्रिकल में क्रमश: 60 तथा 120 सीट उपलब्ध होगी। आगामी कार्य योजना में बीटेक के तीन अन्य कोर्सेज, जिनके लिए लॉकडॉउन से पहले आवेदन किया जा चुका है, हेतु एक्सपर्ट विजीट जल्दी करने हेतु एनबीए से प्रार्थना की जाएगी। उन्होंने आशा जतायी कि इसी वर्ष संस्थान में कुल 8 कोर्स एक्रेडिटेटेड हो सकेंगे।
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