02 March 2022 05:33 PM
नई दिल्ली, 2 मार्च। रूस व यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण बरनाला के रहने वाले जिदल परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस युद्ध ने जिंदल परिवार का इकलौता चिराग बुझा दिया है।
वह वहां (यूक्रेन में) बीमार था, आईसीयू में भर्ती था। बीमार बेटे की देखरेख के लिए यूक्रेन गए चंदन के पिता भी युद्ध के कारण वहीं फंसे हुए हैं।
यूक्रेन में एमबीबीएस चौथा वर्ष की पढ़ाई कर रहा परिवार का बेटा चंदन जिंदल इस युद्ध के कारण वहीं फंस गया व वापस नहीं आ पाया। दो फरवरी को उसे हार्ट अटैक हुआ था। उसके दिमाग में रक्त जम गया। डाक्टरों ने आपरेशन तो कर दिया लेकिन वह कोमा में चला गया। दो मार्च को उसने दम तोड़ दिया है।
सात फरवरी को अपने इकलौते बेटे की देखभाल करने के लिए उसका पिता शीशन कुमार जिदल व ताया कृष्ण कुमार जिदल यूक्रेन चले गए थे। इसी दौरान वहां युद्ध शुरू हो गया। एक मार्च की रात को ताया कृष्ण कुमार जिदल वापस बरनाला लौट आए हैं परंतु पिता शीशन कुमार जिदल अभी भी अपने बेटे के इलाज के लिए वहां पर मजबूरी में फंसे हुए थे कि दो मार्च को चंदन जिदल का निधन हो गया।
माता व बहन का रो-रोकर बुरा हाल
जिला प्रबंधकीय परिसर के सामने गली में रहने वाले चंदन जिदल की माता किरन जिदल और बहन रशिमा जिदल का रो-रोकर बुरा हाल है। बरनाला में मृतक युवक चंदन जिदल की माता व बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। जैसे ही ये खबर बरनाला पहुंची तो शहर में भी माहौल गमगीन हो गया है। स्वजनों के अलावा शहर की समाजसेवी संस्थाओं ने परिवार से संवेदना व्यक्त की है। केंद्र सरकार से मांग की है कि मृतक देह व वहां फंसे बेबस पिता की सकुशल स्वदेश वापसी करवाने के प्रयास तेज किए जाएं।
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