02 January 2022 07:28 PM
गंगाशहर , 2 जनवरी । श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, गंगाशहर द्वारा आज तप अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में अपना उद्बोधन देते हुए सेवाकेन्द्र व्यवस्थापिका साध्वीश्री पावनप्रभाजी ने कहा कि तपस्या का मूल उद्देश्य कर्म निर्जरा करना है। आगमों में कहा गया है कि तप न तो इस लोक के लिए और न ही परलोक के लिए की जाए, यह तो केवल निर्जरा के लिए की जाए। तप मोक्ष मार्ग का चौथा पथ है।
तेरापंथी सभा के मंत्री रतनलाल छलाणी ने बताया कि इस चातुर्मास काल में 113 तपस्वियों ने 8 या 8 से अधिक दिनों की तपस्या की है। जिसमें से 20 वर्ष तक की आयु के 61 तपस्वी शामिल है तथा 30 तपस्वियों की आयु तो 15 से भी कम है। तपस्वियों में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे हैं तो कॉलेज में पढ़ने वाले किशोर-किशोरियां भी है तथा घर संभालने वाली गृहणियां है तो प्रोफेशनल भी है। जैन महासभा के अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने तपस्वियों के तप की अनुमोदना करते हुए छोटे-छोटे बालक-बालिकाओं में तप के प्रति उत्साह की सराहना की।
तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचन्द सोनी, तेरापंथ युवक परिषद् के उपाध्यक्ष अरूण नाहटा, तेरापंथ महिला मंडल मंत्री कविता चौपड़ा, अणुव्रत समिति के भैंरूदान सेठिया ने तपस्वियों के प्रति अनुमोदना करते हुए अपने उद्गार व्यक्त किए। जैन लूणकरण छाजेड़, सभा अध्यक्ष अमरचन्द सोनी, उपाध्यक्ष प्रकाश भंसाली, मंत्री रतनलाल छलाणी, सहमंत्री पवन छाजेड़, अभातेयुप सदस्य पीयूष लूणिया, तेयुप अध्यक्ष विजेन्द्र छाजेड़, मंत्री देवेन्द्र डागा, उपाध्यक्ष अरूण नाहटा, महिला मंडल मंत्री कविता चौपड़ा, अणुव्रत समिति अध्यक्ष राजेन्द्र बोथरा, किशोर मंडल संयोजक कुलदीप छाजेड़, जतन संचेती, जीवराज सामसुखा, निर्मल सुराणा ने तपस्वियों को साहित्य तथा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
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