26 May 2023 11:04 PM
बीकानेर ,26 मई। शिक्षकों की ज्वलंत मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के बैनर तले प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग के नेतृत्व में प्रदेश के सैकड़ो शिक्षकों ने महापड़ाव के चौथे दिन शिक्षा निदेशालय बीकानेर के मुख्य प्रशासनिक भवन का घेराव कर जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन किया।
प्रदेश प्रवक्ता यादवेन्द्र शर्मा ने वताया कि शिक्षकों की ज्वलंत मांगों को लेकर संगठन लम्बे समय से आन्दोलन कर सरकार का ध्यान शिक्षकों की वाजिब मांगों की ओर आकर्षित कर रहा है लेकिन इस सरकार के कार्यकाल को साढे चार साल का समय हो गया है परन्तु सरकार ने शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए न तो स्थानांतरण नीति बनाई और न ही तृतीय वेतन श्रंखला के शिक्षकों के स्थानांतरण किए और न ही शिक्षकों की अन्य वाजिब मांगों का निराकरण किया है। इसलिए स्थाई स्थानांतरण नीति लागू करने, थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले शुरू करने, VP भर्ती में 50% विभागीय सीधी भर्ती का प्रावधान करने, शिक्षकों की बकाया DPC पूर्ण करने, नव सृजित पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी करने एवं शिक्षकों को गैर कानूनी गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्त करने आदि मांगों को लेकर 23 मई से शिक्षा निदेशालय बीकानेर पर शिक्षकों का महापड़ाव शुरू किया गया है जिसमें प्रदेश के सैकडों शिक्षक शामिल हैं।
महापड़ाव के चौथे दिन संगठन के सैकड़ो शिक्षकों ने प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग के नेतृत्व में निदेशालय बीकानेर के मुख्य प्रशासनिक भवन का घेराव कर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम संगठन के सैकड़ों शिक्षक निदेशालय बीकानेर पर इस भीषण गर्मी, आंधी और तूफान के दौरान जब चैन से नही रह सकते तो इस विभाग के उच्चाधिकारियों और शिक्षामंत्री को भी चैन से नही सोने देंगे। यदि सरकार ने द्विपक्षीय वार्ता कर शिक्षकों की वाजिब मांगों का निराकरण नही किया तो आन्दोलन तेज किया जायेगा। जिसके अगले चरण में 28 मई को संगठन के सैकड़ो शिक्षक, बीकानेर से शिक्षक जोड़ो यात्रा निकाल कर जयपुर के लिए पैदल कूच करेंगे जो जयपुर पहुँच कर जयपुर में महापड़ाव डालेंगे।
प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी नतो कोई वित्तीय मांग है और न ही कोई मांग गैर वाजिब है। इसलिए सरकार कल तक संगठन की वाजिब मांगों का निराकरण करे अन्यथा हम ऐसा निर्णय लेंगे कि निदेशक और शिक्षामंत्री राजस्थान में जहां भी जायेंगे वहां इनको शिक्षकों के जबरदस्त आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। प्रदेशमंत्री श्रवण पुरोहित और संयोजक संघर्ष समिति पोखरमल ने भी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार शीघ्रातिशीघ्र शिक्षकों की वाजिब मांगों का निराकरण करे अन्यथा संगठन आरपार की लड़ाई के लिए तैयार है जिसका परिणाम सरकार को भुगतना पड़ेगा।
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