22 December 2020 08:09 PM
उच्च शिक्षा मंत्री ने वोरा के निधन पर जताया शोक
बीेकानेर, 22 दिसम्बर। उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने पूर्व राज्यपाल तथा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर गहरी संवेदना और शोक व्यक्त किया। भाटी ने कहा कि यह हमारे तथा उनके परिजनों के लिए यह एक अपूरणीय क्षति हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर से यही प्रार्थना करते है कि दिवंगत पुण्यात्मा को शांति प्रदान करें एवं अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा इस कठिन समय में परिवारजनों को धैर्य और सम्बल प्रदान करें।
पैन्यूरी पेंशन के लिए प्रस्तुत करना होगा जीवित प्रमाण पत्र
बीकानेर, 22 दिसम्बर। केन्द्रीय सैनिक बोर्ड द्वारा प्रति माह प्रदान की जाने वाली पेन्युरी पेन्शन के लिए जीवन प्रमाण प्रस्तुत किया जाना है।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल पी एस राठौड़ ने बताया कि 65 वर्ष से अधिक आयु के सभी भूतपूर्व सैनिक जो कि किसी भी अन्य प्रकार की पेन्शन का लाभ नहीं ले रहे है वे सभी भी वर्ष 2020-21 मे पेन्युरी पेन्शन के लिए 31 मार्च 2021 तक आवेदन कर सकते है एवं वे भूतपूर्व सैनिक जो पहले से ही इस पेन्शन का लाभ ले रहे हैं उन्हें 28 फरवरी 2021 तक जीवन प्रमाण पत्र आवश्यक रूप से प्रस्तुत करना होगा। केन्द्रीय सैनिक बोर्ड द्वारा भूतपूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के कल्याण के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित हैं। सभी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी जिला सैनिक कल्याण कार्यालय बीकानेर से अथवा केन्द्रीय सैनिक बोर्ड की आॅफिसियल वेबसाइट से ली जा सकती है।
अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर में राष्ट्रीय गणित दिवस पर एक दिवसीय संगोष्ठी सम्पन्न
बीकानेर, 22 दिसम्बर। अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के गणित विभाग में राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में विभागाध्यक्ष डाॅ. अमित सोनी ने राष्ट्रीय गणित दिवस के महत्व पर प्रकाष डाला । इस संगोष्ठी में भारत के महान् गणितज्ञ रामानुजन की जीवनी व उनके द्वारा किये गये कार्यों पर चर्चा की गई।
डाॅ. अमित सोनी ने बताया कि रामानुजन ने बिना किसी की सहायता लिये ज्यादातर प्कमदजपजपमे और मुनंजपवदे के रूप में संकलित किये थे। जिसके कई नतीजे मौलिक थे, जिसमें रामानुजन प्राइम नम्बर, रामानुजन थीटा फंक्षन, विभाजन सूत्र और मोक थीटा फंक्षन थे। इसके अलावा रीमैन श्र्ंखला और जीटा फंक्षन के कार्यात्मक समीकरणों पर उन्होने काम किया था।
इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. जयप्रकाष भामू ,रजिस्ट्रार डाॅ. मनोज कुड़ी, डाॅ. मनोज कुमार सोनी, डाॅ. राधा माथुर, डाॅ. शौकत अली, विजय कुमार माकड़ ने भी अपने विचार रखे और आभार प्रकट किया।
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