श्रीगंगानगर से दिल्ली तक CBI की रेड, छापेमारी में कुबेर का खजाना: ₹2.36 करोड़ बरामद


रक्षा मंत्रालय में बड़ी स्ट्राइक: रिश्वतखोरी में लेफ्टिनेंट कर्नल गिरफ्तार


CBI ने 20 दिसंबर को श्रीगंगानगर, दिल्ली, बेंगलुरु और जम्मू सहित कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस तलाशी अभियान में बरामद हुई रकम ने जांच अधिकारियों को भी चौंका दिया: नकद बरामद


श्रीगंगानगर/दिल्ली, 22 दिसम्बर। रक्षा मंत्रालय के गलियारों में उस समय हड़कंप मच गया जब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए रक्षा उत्पादन विभाग में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा को गिरफ्तार किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ इस बड़ी कार्रवाई के तार दिल्ली से लेकर राजस्थान के श्रीगंगानगर तक जुड़े हुए हैं। इस मामले में न केवल भारी नकदी बरामद हुई है, बल्कि आरोपी सैन्य अधिकारी की पत्नी (जो स्वयं कर्नल रैंक पर हैं) की भूमिका भी जांच के घेरे में आ गई है।
रिश्वत का खेल: कंपनियों को फायदा और साठगांठ
CBI की जांच के अनुसार, लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा ‘डिप्टी प्लानिंग ऑफिसर’ (इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एंड एक्सपोर्टर्स) के महत्वपूर्ण पद पर तैनात थे। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रक्षा उत्पादों के निर्माण और निर्यात से जुड़ी निजी कंपनियों के साथ आपराधिक साजिश रची। वे इन कंपनियों को विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से अनुचित लाभ और स्वीकृतियां दिलाने के बदले मोटी रिश्वत वसूल रहे थे। इस सिंडिकेट में बेंगलुरु के कुछ बिचौलियों (राजीव यादव और रवित सिंह) के नाम भी सामने आए हैं, जो कंपनियों और अधिकारी के बीच कड़ी का काम कर रहे थे।
छापेमारी में कुबेर का खजाना: ₹2.36 करोड़ बरामद
CBI ने 20 दिसंबर को श्रीगंगानगर, दिल्ली, बेंगलुरु और जम्मू सहित कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस तलाशी अभियान में बरामद हुई रकम ने जांच अधिकारियों को भी चौंका दिया। लेफ्टिनेंट कर्नल की पत्नी (कर्नल) पर भी आरोप लगे हैं, जिसकी जांच जारी है। सैन्य अधिकारी के कार्यालय की भी सघन तलाशी ली जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस भ्रष्टाचार के नेटवर्क की जड़ें और कितनी गहरी हैं।CBI का मानना है कि रिमांड के दौरान पूछताछ में कई बड़े रक्षा सौदों और अन्य अधिकारियों की संलिप्तता का खुलासा हो सकता है। यह कार्रवाई रक्षा विभाग के भीतर पारदर्शिता और शुचिता बनाए रखने के लिए एक कड़ा संदेश मानी जा रही है।
| स्थान | बरामदगी (नकद) | अन्य विवरण |
| दिल्ली (लेफ्टिनेंट कर्नल का घर) | ₹2.26 करोड़ | ₹3 लाख रिश्वत की राशि + ₹2.23 करोड़ अतिरिक्त नकदी। |
| श्रीगंगानगर (विनोद कुमार का घर) | ₹10 लाख | निजी आरोपी विनोद कुमार के पास से बरामद। |
| कुल बरामदगी | ₹2.36 करोड़ | कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य। |
श्रीगंगानगर के निवासी विनोद कुमार को इस मामले में मुख्य निजी आरोपी बनाया गया है, जिसने कथित तौर पर 18 दिसंबर को अधिकारी को ₹3 लाख की रिश्वत की पहली किस्त पहुंचाई थी।
कोर्ट ने भेजा रिमांड पर; पत्नी भी शक के दायरे में
गिरफ्तारी के बाद CBI ने दोनों मुख्य आरोपियों को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 23 दिसंबर 2025 तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस रिश्वतकांड में लेफ्टिनेंट कर्नल की पत्नी (कर्नल) पर भी आरोप लगे हैं, जिसकी जांच जारी है। सैन्य अधिकारी के कार्यालय की भी सघन तलाशी ली जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस भ्रष्टाचार के नेटवर्क की जड़ें और कितनी गहरी हैं। CBI का मानना है कि रिमांड के दौरान पूछताछ में कई बड़े रक्षा सौदों और अन्य अधिकारियों की संलिप्तता का खुलासा हो सकता है। यह कार्रवाई रक्षा विभाग के भीतर पारदर्शिता और शुचिता बनाए रखने के लिए एक कड़ा संदेश मानी जा रही है।








