गंगाशहर के IPS मृदुल कच्छावा: डकैतों को ‘गजनी’ बनाकर चोली पहनाने वाला चंबल का रियल हीरो



नागौर में अनोखी कार्रवाई से अपराधियों में खौफ, जनता में सुरक्षा का भरोसा- बीकानेर / नागौर/जयपुर, 2 अगस्त । राजस्थान पुलिस के आईपीएस मृदुल कच्छावा का नाम सुनते ही अपराधियों की रूह कांप उठती है। हाल ही में नागौर में हुए एक ऑपरेशन ने उन्हें फिर सुर्खियों में ला दिया। महिला के वेश में ठगी करने वाले गिरोह को पकड़कर उन्होंने न केवल गिरफ्तार किया, बल्कि ‘गजनी’ लुक देकर और चोली पहनाकर कोर्ट तक परेड कराई। इस अनोखी कार्रवाई ने अपराधियों के मन में पुलिस का खौफ और जनता में सुरक्षा का भरोसा दोबारा जगा दिया। विदेश की लग्जरी नौकरी छोड़कर देश सेवा
30 अगस्त 1989 को बीकानेर के गंगशहर में जन्मे मृदुल कच्छावा की शुरुआती पढ़ाई बीकानेर और जयपुर में हुई। कॉमर्स कॉलेज जयपुर से बीकॉम और राजस्थान यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल बिजनेस में मास्टर्स करने के बाद उन्हें जर्मनी के एक बैंक में नौकरी मिली। एनडीए की दो असफल कोशिशों के बाद भी सेना में जाने का सपना अधूरा रहा, तो उन्होंने यूपीएससी का रुख किया। 2014 में पहली बार परीक्षा पास की, लेकिन डाक सेवा मिली। संतुष्ट न होकर 2015 में फिर परीक्षा दी और 216वीं रैंक के साथ भारतीय पुलिस सेवा में चुने गए। विदेशों की लग्जरी नौकरी छोड़कर बने IPS- आईपीएस मृदुल कच्छावा का यह एक्शन केवल एक गिरफ्तारी नहीं था, बल्कि समाज को यह दिखाने का तरीका भी था कि अपराध करोगे, तो कानून सिर्फ कानूनी सजा ही नहीं, सामाजिक शर्मिंदगी भी दिलाएगा। यह सोच और हिम्मत आई थी एक ऐसे पुलिस अधिकारी से, जो कभी विदेशी बैंक में आरामदायक नौकरी छोड़कर देश सेवा के लिए वर्दी पहनने का सपना लेकर निकला था।
आईपीएस (IPS ) ज्वाइनिंग के बाद उनकी पहली पोस्टिंग राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में जनवरी 2017 से जून 2017 तक प्रोवेशनल सहायक पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में हुई। इसके बाद 2018 में गंगानगर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) के पद पर रहे, जनवरी 2019 में 6 महीने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) अजमेर में एसपी (SP) के पद पर रहे इसके बाद मृदुल कच्छावा को पहला धोलपुर जिला मिला जहां पर उन्होंने कुख्यात अपराधियों का जड़ से सफाया किया. इसके बाद जुलाई 2020 से जनवरी 2022 तक मृदुल ने करौली पुलिस अधीक्षक पर सेवाएं दी. जनवरी 2022 में मृदुल कच्छावा ने पुलिस उपायुक्त (DCP), दक्षिण जयपुर पद पर कार्यरत थे। 04 जुलाई 2022 को इनका ट्रांसफर झुंझुनूं कर दिया गया, यहाँ पर झुंझुनूं जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में 11 माह तक सेवा देने के बाद 2 जुलाई 2023 को नई जिम्मेदारी के साथ उनका भरतपुर तबादला कर दिया गया. हाल ही में 23 जुलाई को मृदुल कच्छावा को नागौर जिले का नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है. अपनी सख्त कार्यशैली और प्रभावशाली छवि के लिए पहचाने जाने वाले कच्छावा की तैनाती से जिले में कानून व्यवस्था को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं।





नागौर में ‘गजनी’ ऑपरेशन
नागौर में अपनी वर्तमान तैनाती के बाद भी, उन्होंने दिखाया है कि वह सिर्फ रूटीन फाइलवर्क वाले अधिकारी नहीं हैं। महिला का भेष बनाकर ठगी करने वाले अनिल, पूरणमल और कुलभूषण को जिस तरीके से उन्होंने गिरफ्तार कर, चोली पहनाकर और गंजा कर कोर्ट में परेड करवाई, उसने अपराधियों के मन में पुलिस का खौफ और जनता के मन में सुरक्षा का भरोसा फिर से जगाया है।


एक्शन हीरो’ की पहचान: चंबल के डकैतों से लेकर साइबर ठगों तक
अपने करियर के हर पड़ाव पर मृदुल कच्छावा ने अपनी ‘एक्शन हीरो’ वाली छवि को साबित किया है। धौलपुर में एसपी रहते हुए, उन्होंने चंबल के बीहड़ों में AK-47 लेकर ऑपरेशन चलाए और 22 कुख्यात डकैतों को गिरफ्तार किया, जिनमें पप्पू गुर्जर और रघुराज गुर्जर जैसे नामी डकैत शामिल थे। उन्होंने एक साल के भीतर 57 से ज़्यादा अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा।
निजी जीवन में अनुशासन और प्रेरणा
2018 में मृदुल कच्छावा ने कनिका सिंह से विवाह किया, जो खुद एक आईपीएस अधिकारी की बेटी हैं। उन्हें घुड़सवारी, बास्केटबॉल, डॉग्स पालना और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी का शौक है। मृदुल कच्छावा सिर्फ एक पुलिस अफसर नहीं, बल्कि सिस्टम सुधारने वाले योद्धा हैं, जिनकी कहानी हर युवा को यह सिखाती है—संघर्ष के बाद भी बड़ा सोचने और करने का साहस मत छोड़ो।