राहुल गांधी का आरोप: चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव चुराया, पेश किए सबूत



नई दिल्ली, 7 अगस्त। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दावा किया कि चुनाव आयोग (EC) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर चुनावों में धांधली की है। उन्होंने 22 पेज का प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें स्क्रीन पर वोटर लिस्ट दिखाकर महाराष्ट्र और कर्नाटक में “वोटों की चोरी” के सबूत पेश किए।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में “संदिग्ध नाम” का दावा
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों को देखने के बाद उनका शक पुख्ता हुआ कि चुनाव में चोरी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग द्वारा मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट उपलब्ध न कराने से यह विश्वास और बढ़ गया कि आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र के चुनाव की चोरी की है।




उन्होंने दावा किया कि यह “वोट चोरी का एक मॉडल” है, जिसका प्रयोग देश की कई लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुआ है। राहुल ने कर्नाटक की महादेवपुरा असेंबली सीट का उदाहरण दिया, जहाँ उनके रिसर्च के अनुसार 6.5 लाख वोटों में से 1 लाख वोटों की चोरी हुई है। उन्होंने बताया कि यहाँ गलत पते, एक ही पते पर बल्क वोटर और डुप्लीकेट वोटर्स पाए गए।


राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में कांग्रेस को 16 सीटों पर जीत मिलनी चाहिए थी, लेकिन वे केवल 9 सीटों पर जीते। उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल सीट का भी जिक्र किया, जहाँ कांग्रेस को 6,26,208 और भाजपा को 6,58,915 वोट मिले, और वोटों का अंतर सिर्फ 32,707 था, जबकि महादेवपुरा असेंबली सीट पर यह अंतर 1,14,046 का था, जिससे “1 लाख से ज्यादा वोटों की चोरी” साबित होती है। उन्होंने दावा किया कि यह वोट चोरी पांच प्रकार से की गई।
उन्होंने महाराष्ट्र में 40 लाख “फर्जी नामों” का भी जिक्र किया, जो कुछ ही महीनों में वोटर लिस्ट में जोड़े गए। उन्होंने कहा कि शाम पांच बजे के बाद वोटर टर्नआउट का बढ़ना भी हैरान करने वाला है। राहुल ने हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए भी इन गड़बड़ियों को जिम्मेदार ठहराया।
राहुल के आरोपों पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के आरोपों पर कर्नाटक चुनाव आयोग ने उनसे शपथ पत्र मांगा है। आयोग ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति मतदाता सूची की वैधता पर सवाल उठाता है, तो उसे लिखित में विवरण देना होता है और नियम 20(3)(b) के तहत शपथपत्र पर हस्ताक्षर कर ऐसे मतदाताओं के नाम उपलब्ध कराने होते हैं, ताकि उनके दावों की जांच की जा सके और यदि आवश्यक हो तो कानूनी कार्रवाई भी शुरू की जा सके।
वहीं, चुनाव आयोग (ECI) ने सोशल मीडिया साइट X पर राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस की वीडियो को शेयर करते हुए इसे “गुमराह करने वाला” बताया है।
“वोट चोरी” के 5 प्रकार जो राहुल ने प्रेजेंटेशन में दिखाए:
डुप्लीकेट वोटर्स (11,965): एक ही व्यक्ति कई जगह वोटर लिस्ट में था, हर बार बूथ नंबर अलग था। 11 हजार संदिग्धों ने तीन-तीन बार वोट डाला।
फेक एड्रेस (40,009 वोटर्स): बेंगलुरु सेंट्रल में 40 हजार से ज़्यादा वोटर्स का पता फर्जी पाया गया; उन पतों पर कोई नहीं रहता था। एक ही पते पर 46 वोटर्स थे।
एक पते पर कई वोटर्स: बूथ नंबर 470 पर एक घर में 80 मतदाता और एक अन्य घर में 46 वोटर्स लिस्टेड थे।
अवैध फोटो: 4132 वोटर्स की वोटर आईडी में तस्वीर इनवैलिड थी, कुछ इतनी छोटी कि पहचानना मुश्किल था।
फॉर्म-6 से फर्जीवाड़ा: 70 साल की शकुन रानी ने एक महीने के अंदर दो बार वोटर आईडी कार्ड बनवाने के लिए फॉर्म 6 भरा, तस्वीरों में भिन्नता थी। फॉर्म 6 नए मतदाता के नाम जुड़वाने के लिए होता है।
चुनाव आयोग पर पिछले 3 आरोप:
2 अगस्त: राहुल ने आरोप लगाया था कि संविधान की रक्षा करने वाली संस्था (EC) को मिटा दिया गया है और उस पर कब्जा कर लिया गया है। उन्होंने कहा था कि आयोग जानबूझकर नॉन-मशीन रीडेबल पेपर्स मुहैया कराता है।
1 अगस्त 2025: राहुल ने दावा किया था कि उनके पास “वोट चोरी” के 100% सबूत हैं, और जैसे ही इसे जारी किया जाएगा, “पूरे देश को पता चल जाएगा कि चुनाव आयोग भाजपा के लिए वोट चुराने का काम कर रहा है।”
24 जुलाई 2025: राहुल ने चुनाव आयोग पर कर्नाटक की एक सीट पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, जहाँ हजारों नए वोटर जोड़े गए और 18 साल से ज़्यादा उम्र के वोटर हटा दिए गए। उन्होंने आयोग को चेतावनी दी थी कि वे बच नहीं पाएंगे।
चुनाव आयोग ने 2 अगस्त को राहुल को भेजे गए एक पुराने पत्र को जारी किया, जिसमें बताया गया था कि कांग्रेस ने नवंबर 2024 के चुनावों के बाद भी ऐसे ही आरोप लगाए थे, जिनका विस्तृत जवाब 24 दिसंबर 2024 को दिया गया था। आयोग ने दोहराया कि चुनाव पूरी पारदर्शिता से होते हैं और अगर कोई कानूनी आपत्ति है तो कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की जा सकती है। आयोग ने बातचीत के लिए भी खुला निमंत्रण दिया है।
बिहार वोटर वेरिफिकेशन पर विपक्ष का हमला
बिहार वोटर वेरिफिकेशन को लेकर भी राहुल सहित पूरा विपक्ष चुनाव आयोग की आलोचना कर रहा है। संसद के बाहर और अंदर विपक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहा है। 1 अगस्त को जारी नए आंकड़ों के अनुसार, बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या घटकर 7.24 करोड़ रह गई है, जबकि पहले यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था, यानी करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। आयोग के अनुसार, हटाए गए नामों में मृत, स्थानांतरित या डुप्लीकेट मतदाता शामिल हैं।
विशेष अभियान (SIR) 24 जून 2025 को शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य फर्जी, दोहराए गए और स्थानांतरित मतदाताओं को हटाना और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना था। पहले चरण में 99.8% कवरेज हासिल की गई।
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी को लोकसभा 2024 में पूर्ण बहुमत नहीं मिला और अगर वे 25 और सीटें हारते तो सरकार नहीं बना पाते। उन्होंने कहा कि यह सब नतीजों को मैनेज करने की योजना थी।
उन्होंने कहा कि अब न्यायपालिका को इसमें दखल देना चाहिए क्योंकि जो लोकतंत्र हम प्यार करते हैं, वह अब मौजूद नहीं है।
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मोदी - चुनाव आयोग का पर्दाफाश
— Sandeep Singh (@ActivistSandeep) August 7, 2025