आईपीएस विकास सुंडा को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ प्रशस्ति से सम्मानित किया गया



भुज, पश्चिम कच्छ, 18 अगस्त । पश्चिम कच्छ, भुज के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास सुंडा, आईपीएस, को स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर उनके असाधारण कार्य ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए प्रतिष्ठित चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) प्रशस्ति से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में उनकी अहम भूमिका और उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया है।




‘ऑपरेशन सिंदूर’ क्या है?
हालांकि जारी की गई जानकारी में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के विस्तृत विवरण का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन भारतीय सेना प्रमुख (Chief of Army Staff) द्वारा दिया जाने वाला यह प्रशस्ति सम्मान आमतौर पर सैन्य अभियानों से संबंधित महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है। ऐसे अभियानों में अक्सर राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी गतिविधियां, सीमा सुरक्षा या अन्य सामरिक महत्व के कार्य शामिल होते हैं। एक आईपीएस अधिकारी को यह सम्मान मिलना इस बात का संकेत है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पुलिस और सेना के बीच घनिष्ठ समन्वय रहा होगा, और श्री सुंडा ने इसमें एक महत्वपूर्ण नेतृत्वकर्ता या सूत्रधार के रूप में कार्य किया होगा।


सम्मान का महत्व
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ प्रशस्ति भारतीय सेना के सर्वोच्च सम्मानों में से एक है और यह असाधारण सेवा, साहस, या विशिष्ट योगदान को मान्यता देता है। एक आईपीएस अधिकारी को यह सम्मान मिलना पुलिस और सेना के बीच सहयोग और समन्वय की बढ़ती आवश्यकता को भी दर्शाता है, खासकर जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े जटिल अभियानों की बात आती है। यह सम्मान न केवल विकास सुंडा के व्यक्तिगत साहस और नेतृत्व को उजागर करता है, बल्कि कच्छ पुलिस बल और गुजरात पुलिस के लिए भी गौरव का क्षण है।
Congratulations to Sri Vikas Sunda, SP Kutch, on being awarded the prestigious Chief of Army Staff (COAS) Commendation on the occasion of Independence Day 2025, in recognition of his exemplary service during Operation SINDOOR. Vikas has made all of us proud. pic.twitter.com/ZrkziV8Q0l
— DGP Gujarat (@dgpgujarat) August 15, 2025
विकास सुंडा IPS, SP West Kutch (Bhuj) को COAS Commendation Card से सम्मानित किए जाने का यह समाचार उनके व्यक्तिगत समर्पण और ऑपरेशन सिंदूर में पुलिस बल की सक्रिय भूमिका को दर्शाता है। यह सम्मान सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि पूरे अभियान की सफलता और साथ-साथ भारतीय रक्षा क्षमताओं की उत्कृष्टता का सम्मान है। यह उपलब्धि श्री सुंडा के समर्पण और उनकी प्रभावी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है, जिसने एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।