गंगाशहर में प्रियंका रांका का मासखमण तपस्या अनुष्ठान, मुनिश्री कमलकुमार जी के सान्निध्य में अभिनंदन समारोह



गंगाशहर, 17 सितंबर । उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमार जी के सान्निध्य में श्रीमती प्रियंका देवी रांका का मासखमण (29 दिन) तपस्या का कार्यक्रम श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुनिश्री ने आचार्य श्री महाप्रज्ञजी की पुण्यतिथि का स्मरण किया और उनके गुणों का बखान किया। उन्होंने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ तेरापंथ धर्म संघ के दसवें आचार्य थे, जो विद्या, विनय और विवेक से संपन्न थे।




17 से 29 दिन की तपस्या का साहस
मुनिश्री कमलकुमार जी ने बताया कि प्रियंका रांका ने शुरुआत में 17 दिन की तपस्या का संकल्प लिया था, लेकिन उनके उत्साह और स्वास्थ्य को देखते हुए उन्होंने उसे मासखमण (29 दिन) करने के लिए प्रेरित किया। प्रियंका ने मुनिश्री की बात को सहजता से स्वीकार किया और अपनी तपस्या को सफलतापूर्वक पूरा किया। मुनिश्री ने कहा कि प्रियंका की तपस्या में उनके पति जितेंद्र रांका का पूरा सहयोग रहा, जो उन्हें नियमित रूप से दर्शनों और प्रत्याख्यान के लिए लाते थे।


आडंबर मुक्त और साधना युक्त तपस्या
मुनिश्री ने प्रियंका की तपस्या को आडंबर मुक्त और साधना युक्त बताते हुए कहा कि ऐसी तपस्या कर्मों की निर्जरा और आत्मशुद्धि का लक्ष्य लिए होती है, जो दूसरों के लिए भी अनुकरणीय है। कार्यक्रम में साध्वी प्रमुखा श्री विश्रुत विभाजी के संदेश का वाचन सभा के उपाध्यक्ष पवन छाजेड़ ने किया, जिसे महिला मंडल के पदाधिकारियों ने प्रियंका को समर्पित किया। इस अवसर पर पारिवारिक सदस्यों ने तप अनुमोदन गीत गाए और मुनिश्री कमलकुमार जी ने भी विशेष गीतिका की प्रस्तुति दी।
तपस्या का माहौल
इस आयोजन में कई अन्य तपस्वियों ने भी अपनी तपस्या के बारे में बताया। सुरेंद्र भूरा ने 7 दिन की और जेठमल छाजेड़ ने 5 दिन की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। दिल्ली से आए मनोज सुराणा ने बताया कि उनके परिवार ने दिल्ली से मुंबई तक की पैदल यात्रा में अपनी शक्ति का परिचय दिया था। इस दौरान श्रीमती तारादेवी बैद का संलेखना संथारा 66वें दिन में चल रहा है। मुनिश्री कमल कुमार जी और मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी ने प्रियंका के निवास स्थान पर भी प्रवचन दिए। मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी की स्वयं की तपस्या आज 20वें दिन में है।