जैन श्वेताम्बर संघ चोहटन ने गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर जी से बाड़मेर में चातुर्मास करने की विनती की


बीकानेर, 31 अक्टूबर। गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर जी ने शुक्रवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में प्रवचन में कहा कि नाम तो केवल व्यक्ति की पहचान है, जबकि देश, धर्म व समाज के लिए अनुकरणीय कार्य करने वालों के नाम ही युगों-युगों तक याद रखे जाते हैं। उन्होंने मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए आत्म व परमात्म स्वरूप को पहचानने पर जोर दिया। गणिवर्य जी ने कहा कि सभी जीवों की उत्पत्ति का समय तो निर्धारित है, लेकिन मौत का नहीं, और जन्म लेने वाले प्रत्येक प्राणी की मौत होती है, पर आत्मा अजर अमर रहती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान व पूर्व जन्मों के कर्म बंधनों के कारण ही रोग, कष्ट व शारीरिक पीड़ा होती है, जिसे समता भाव से आत्म-परमात्मा का स्मरण करने से कम किया जा सकता है। उन्होंने धर्म-ध्यान, साधना, आराधना और प्रभु भक्ति को कर्म बंधनों को काटने वाला और मोक्ष के मार्ग पर बढ़ाने वाला बताया।




प्रवचन के दौरान, जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ चोहटन (बाड़मेर) के अध्यक्ष गौतम धारीवाल सहित ट्रस्टियों ने गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. से आगामी चातुर्मास चोहटन में करने की विनती की। इस विनती में श्री खरतरगच्छ युवा परिषद के अध्यक्ष अनिल सुराणा सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी सहभागिता की। इसी क्रम में, श्री खरतरगच्छ युवा व महिला परिषद द्वारा संचालित ज्ञान वाटिका का वार्षिकोत्सव रविवार (2 नवंबर) को सुबह नौ बजे रांगड़ी चौक की तपागच्छीय पौषधशाला में होगा। इस वार्षिकोत्सव के पोस्टर का लोकार्पण गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर, मुनि मंथन प्रभ सागर व बाल मुनि मीत प्रभ सागर के सान्निध्य में ज्ञान वाटिका की बालिकाओं द्वारा करवाया गया।











