निगम का ‘तुगलकी फरमान’- सफाई कर्मचारियों को बीएलओ ड्यूटी पर लगाने का विरोध


बीकानेर, 6 नवंबर। बीकानेर नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष द्वारा निर्वाचन विभाग के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) के लिए 300 से अधिक सफाई कर्मचारियों को बीएलओ के साथ ड्यूटी पर लगाए जाने के फैसले का कड़ा विरोध किया गया है। स्थानीय प्रतिनिधि वत्सस ने इस फैसले को “कोड में खाज” (यानी समस्या को बढ़ाना) बताते हुए इसे “तुगलकी फरमान” करार दिया है।
विरोध के मुख्य कारण
पर्यटन सीजन में गंदगी: “हजार हवेलियों के शहर” बीकानेर में अभी देशी-विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा है। पहले से ही सफाई कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण सफाई व्यवस्था लचर थी। 300 से अधिक कर्मचारियों को हटाने से शहर में चौतरफा गंदगी के ढेर लगने की आशंका है।



मूल कार्य से भटकाव: आलोचकों का मानना है कि निगम को जहाँ सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता थी, वहाँ उन्हें मूल कार्य (सफाई) से हटाकर बीएलओ ड्यूटी पर लगाना बीकानेर के साथ नाइंसाफी है।
सरकार पर सवाल: वत्सस ने भाजपा सरकार के कार्यकाल में इस तरह के आदेश आने पर सवाल उठाया है।



विरोध की चेतावनी
वत्सस ने निगम आयुक्त और भाजपा सरकार से अपील की है कि वे इस फैसले को समय रहते वापस लें और सफाई कर्मचारियों को उनके मूल कार्य पर वापस जाने दें। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि आदेश वापस नहीं लिया गया, तो निगम प्रशासन और जिला प्रशासन को विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ेगा।








