बीकानेर में कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की देर रात छापेमारी


- बीकानेर में नकली बायो डीजल फैक्ट्री से ₹15 लाख कैश और डेढ़ लाख लीटर तेल जब्त
बीकानेर, 6 नवम्बर। राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने बुधवार देर रात बीकानेर के नापासर गांव में एक फैक्ट्री पर अचानक छापेमारी की, जिसमें करीब डेढ़ लाख लीटर इंडस्ट्रियल ऑयल और फैक्ट्री के एक पलंग के नीचे बॉक्स में 15 लाख रुपए कैश बरामद हुए। मंत्री मीणा ने नापासर पहुँचने से पहले ही संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा को अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर भेजने का आदेश दे दिया था।



अवैध कारोबार का पर्दाफाश
मंत्री मीणा को नापासर में नकली बायो डीजल के बड़े पैमाने पर भंडारण की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर उन्होंने खुद पेट्रोलियम प्रोडक्ट बनाने वाली इस फैक्ट्री पर छापा मारा।



परिवहन रूट: फैक्ट्री में बड़े-बड़े कंटेनरों में इंडस्ट्रियल ऑयल भरा हुआ था। जाँच में पता चला कि यह केमिकल सूरत/अहमदाबाद से खरीदा जाता था और ई-वे बिल के साथ लुधियाना और दिल्ली जैसे शहरों के लिए भेजा जाता था, लेकिन टैंकर नापासर में खाली हो जाता था।
फैक्ट्री मालिक का दावा: फैक्ट्री मालिक केशव विजय का कहना है कि वे इंडस्ट्रियल यूज के लिए केमिकल बनाते हैं, जिसका उपयोग भुजिया फैक्ट्रियों में किया जाता है, और बीकानेर में ऐसी कई और फैक्ट्रियाँ हैं।
भारतमाला एक्सप्रेस वे पर मिली गुप्त सूचना
इस छापेमारी की शुरुआत मंत्री मीणा के भारतमाला एक्सप्रेस वे पर जोधपुर से बीकानेर आते समय हुई। उन्होंने रास्ते में एक ट्रक में पिकअप से डीजल भरते देखा। लगातार तीसरी बार ऐसा होने पर मंत्री ने स्वयं गाड़ी रोककर पूछताछ शुरू कर दी। पूछताछ में पिकअप ड्राइवर ने ही मंत्री को नापासर स्थित फैक्ट्री तक पहुँचाया, जहाँ से वह डीजल लाता था।
मुनाफे का गणित: फैक्ट्री मालिक सूरत से यह ऑयल ₹45 प्रति लीटर में खरीदते थे। वे इसे पिकअप वालों को ₹72 प्रति लीटर में देते थे। पिकअप वाले ₹3 का लाभ जोड़कर इसे ट्रक ड्राइवरों को ₹75 प्रति लीटर में बेचते थे।
भ्रष्टाचार का खुलासा: ड्राइवर ने मंत्री को यह भी बताया कि नापासर थाने को हर हफ्ते ₹15 हजार दिए जाते थे, जिसके कारण उन्हें कोई नहीं रोकता था।








