मूंगफली खरीद में फर्जीवाड़ा में फर्जी टोकन बनाने पर 2 कियोस्क संचालकों पर FIR, कलेक्टर ने दिए विशेष जांच के आदेश


बीकानेर, 6 नवम्बर। बीकानेर में समर्थन मूल्य पर मूंगफली खरीद शुरू होने से ठीक पहले ही फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है। फर्जी टोकन बनाकर किसानों को जारी करने के आरोप में गजनेर पुलिस ने दो कियोस्क संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है। इस गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद जिला कलेक्टर ने पूरे मामले की विशेष जांच के आदेश दिए हैं।



फर्जीवाड़े का तरीका और पुलिस कार्रवाई
आरोपी: दो ई-मित्र/कियोस्क संचालक, सम्पतलाल उपाध्याय और नारायण पाईवाल, पर फर्जीवाड़ा का मुकदमा दर्ज किया गया है।



फर्जीवाड़ा का तरीका: तहसीलदार नितिश कान्त शर्मा की जांच में पाया गया कि दोनों कियोस्क धारकों ने गिरदावरी प्रपत्र को कूटरचित तरीके से तैयार किया और इसके आधार पर किसानों को फर्जी एसएमएस-आधारित टोकन जारी किए।
FIR की धाराएं: पुलिस ने जांच रिपोर्ट के आधार पर ‘फर्जी व कूटरचित सरकारी दस्तावेज तैयार करने’ और ‘राजकोष को नुकसान’ की धाराओं 318 (4), 336 (2), 336 (3), 61(2) बीएनएस 2023. में मुकदमा दर्ज किया है।
प्रशासन की सख्ती और जांच का दायरा
मूंगफली खरीद में अनियमितताओं की लगातार शिकायतें मिलने के बाद, जिला कलेक्टर ने सभी टोकनों की विशेष जांच करवाने के आदेश दिए थे।
जांच का फोकस: विशेष तौर पर कोलासर क्षेत्र के टोकन की पड़ताल की गई, जहाँ यह गड़बड़ी उजागर हुई।
आशंका: प्रशासन का मानना है कि यह तो केवल शुरुआत है। तहसील और एसडीएम स्तर पर कई स्थानों पर टोकन की जांच अभी भी जारी है, और खरीद शुरू होने पर और भी कई फर्जीवाड़े सामने आने की आशंका है।
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नया नियम
भविष्य में फर्जी टोकन जारी होने और वास्तविक किसानों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर ने सहकारी समितियों को नया निर्देश दिया है।
अनिवार्य दस्तावेज: किसानों को टोकन के साथ-साथ अपने पानी व बिजली का बिल भी जमा कराना अनिवार्य होगा। इससे फर्जीवाड़ा रोकने और तुरंत कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।








