RPSC 1986 कनिष्ठ लिपिकों की वरिष्ठता और पदोन्नति में विलंब पर विरोध


बीकानेर, 6 नवम्बर। शिक्षा विभागीय कर्मचारी संध राजस्थान -बीकानेर के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा 1986 में चयनित कनिष्ठ लिपिकों की वरिष्ठता तत्काल निर्धारित करने और उन्हें पदोन्नति देने की पुरजोर मांग की है। उन्होंने इस संबंध में माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों (मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव, वित्त सचिव) और शिक्षा निदेशक को ज्ञापन भेजा है।



विलंब और अनियमितता पर आपत्ति



प्रदेशाध्यक्ष आचार्य ने ज्ञापन में बताया है कि न्यायालय के आदेशों की अवहेलना: माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय और राज्य सरकार के समय-समय पर दिए गए निर्देशों का पालन शिक्षा प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है।आर्थिक हानि: संगठन द्वारा बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद प्रभावी कार्यवाही न होने से इन वरिष्ठ कर्मचारियों को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। वरिष्ठता उल्लंघन: ज्ञापन में स्पष्ट मांग की गई है कि यदि वरिष्ठ कार्मिकों को छोड़कर कनिष्ठ कार्मिकों को पदोन्नति एवं वरिष्ठता का लाभ दिया गया है, तो उन्हें तत्काल प्रभाव से पदावन्नत (Demote) किया जाए और वरिष्ठ कार्मिकों को पदोन्नति दी जाए।
विलंब के लिए कार्रवाई की मांग
संघ ने मांग की है कि इस मामले में जानबूझकर गुमराह करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाए, जिन्होंने न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया है।
बीकानेर मंडल में पदस्थापन का आश्वासन
कमल नारायण आचार्य ने बीकानेर संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा महेन्द्र शर्मा से भी मुलाकात की और मंडल में कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक एवं वरिष्ठ सहायक से सहायक प्रशासनिक अधिकारी पदों पर DPC (पदोन्नति समिति) से चयनित कार्मिकों को अविलंब पदस्थापन देने की मांग की। संयुक्त निदेशक महोदय ने आश्वासन दिया है कि पदस्थापन प्रक्रिया पूरी कर आदेश शीघ्र ही जारी किए जाएँगे।








