उदासर में भगवान सुपार्श्वनाथ जिनालय में महालक्ष्मी, भैरव और दादा गुरुदेव की प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठा में उमड़ा जैन समाज


बीकानेर, 10 नवंबर। श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के तत्वावधान में उदासर स्थित 151 वर्ष प्राचीन भगवान सुपार्श्वनाथ मंदिर में सोमवार को देवी महालक्ष्मी, दादा गुरुदेव जिन कुशल सूरी और रक्षक देव भैरवजी की प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा महोत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ। यह प्रतिष्ठा गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर, मुनि मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, साध्वी दीपमाला और शंखनिधि श्रीजी के सान्निध्य में हुई।



भव्य शोभायात्रा और अनुष्ठान
प्रतिष्ठा से पूर्व तीनों प्रतिमाओं की गाजे-बाजे से शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद मंत्रोच्चारण और हवन आदि धार्मिक अनुष्ठानों के साथ प्रतिमाओं को जिनालय में स्थापित किया गया।



कोठारी परिवार बना लाभार्थी
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष हरीश नाहटा ने बताया कि मूर्तियों के प्रतिष्ठा के लाभार्थी उदासर के ओम प्रकाश-संगीता देवी कोठारी परिवार रहे। उन्होंने सुश्रावक किशन लाल जी एवं श्रीमती सौभाग्यवती देवी की स्मृति में हेमंत, श्वेता, अरिहंत, मोनिका, सनव, रुत्विक, ऋति सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मूर्तियों की प्रतिष्ठा के विभिन्न अनुष्ठान करवाए और हवन में आहूतियां दीं। उद्योगपति बसंत नवलखा एवं श्रीमती प्रेम नवलखा ने कोठारी परिवार और खरतरगच्छ महिला परिषद की सदस्याओं का अभिनंदन किया।
सभी जैन संघों की भागीदारी
इस धार्मिक समारोह में गांव के जैन श्वेताम्बर तेरापंथ, साधुमार्गी संघ और जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अनुयायियों ने उत्साह से हिस्सा लिया। खरतरगच्छ युवा परिषद (अध्यक्ष: अनिल सुराणा) और खरतरगच्छ महिला परिषद (अध्यक्ष: मनीषा खजांची) के सदस्यों ने व्यवस्थाओं में सक्रिय भागीदारी निभाई। विचक्षण महिला मंडल और वरिष्ठ गायक व संगीतकार सुनील पारख ने इस अवसर पर भक्ति गीत प्रस्तुत किए।








