डॉ. संजय कोचर कटक में 16वें अंतर्राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग सम्मेलन में देंगे व्याख्यान


- वाइवैक्स मलेरिया’ पर 25 साल के ऐतिहासिक शोध को रखेंगे विश्व पटल पर
बीकानेर, 21 नवंबर । राजस्थान के बीकानेर स्थित सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज (एसपी मेडिकल कॉलेज) के मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) संजय कोचर को कटक के रेवेनशॉ विश्वविद्यालय में आयोजित हो रहे 16वें अंतर्राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग सम्मेलन (International Vector Borne Disease Conference) में विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ है। यह तीन दिवसीय सम्मेलन 21 से 23 नवंबर 2025 तक चलेगा, जिसका थीम “प्रभाव के लिए नवाचार” (Innovation for Impact) रखा गया है।
वाइवैक्स मलेरिया पर विशेष सत्र
इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के 40 से अधिक शीर्ष विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं, जिनमें ICMR के पूर्व महानिदेशक पद्मभूषण डॉ. निर्मल कुमार गांगुली, डॉ. एपी दाश, डॉ. नीना वालेचा, डॉ. अनूप अन्विकार और WHO के डॉ. राजपाल यादव जैसे दिग्गज शामिल हैं।



सम्मेलन का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण “वाइवैक्स मलेरिया” पर रखा गया विशेष सत्र होगा, जिसमें डॉ. संजय कोचर को देश के चुनिंदा विशेषज्ञों में शामिल किया गया है। डॉ. कोचर अपने व्याख्यान में “वाइवैक्स मलेरिया का साधारण से गंभीर एवं जानलेवा रूप में बदलना” विषय पर पिछले 25 वर्षों में बीकानेर मेडिकल कॉलेज में किए गए ऐतिहासिक शोध के नतीजों को विश्व समुदाय के सामने रखेंगे।
शोध का वैश्विक महत्व
डॉ. कोचर और उनकी टीम ने पिछले ढाई दशक में हजारों वाइवैक्स मलेरिया के मरीजों के गहन क्लिनिकल अध्ययन के आधार पर यह सिद्ध किया है कि पहले “सौम्य” मानी जाने वाली प्लाज्मोडियम वाइवैक्स (Plasmodium vivax) प्रजाति भी गंभीर मलेरिया, किडनी फेल्योर, सेरेब्रल मलेरिया, ARDS और मल्टी ऑर्गन फेल्योर का कारण बन सकती है।



उनके इस शोध की महत्ता को देखते हुए इसे लैंसेट, क्लिनिकल इंफेक्शस डिजीज और अमेरिकन जर्नल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन जैसी विश्व की शीर्ष जर्नल्स में प्रकाशित किया जा चुका है। इतना ही नहीं, उनके शोध के नतीजों के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी 2015 के बाद अपनी गाइडलाइन्स में वाइवैक्स को गंभीर (Complicated) मलेरिया के रूप में आधिकारिक मान्यता दी है।
बीकानेर की वैश्विक छाप
सम्मेलन आयोजक समिति के सदस्यों ने बताया कि वाइवैक्स मलेरिया को गंभीर बीमारी के रूप में स्थापित करने में भारत सबसे आगे रहा है और डॉ. संजय कोचर का योगदान विश्व स्तर पर मान्य है। डॉ. कोचर का व्याख्यान 22 नवंबर को दोपहर के सत्र में प्रस्तावित है। उनके शोध से न केवल भारत बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीकी देशों में वाइवैक्स मलेरिया के मरीजों के इलाज की रणनीति में आमूलचूल बदलाव आया है, जिससे एसपी मेडिकल कॉलेज बीकानेर एक बार फिर वैश्विक स्वास्थ्य मंच पर अपनी मजबूत छाप छोड़ने जा रहा है।








