बीकानेर में आध्यात्मिक उत्सव संपन्न: ‘खुशहाल जीवन के लिए ध्यान’ सत्र में उमड़ा जन सैलाब


बीकानेर, 17 दिसंबर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संभागीय केंद्र बीकानेर द्वारा रविन्द्र रंगमंच पर आयोजित तीन दिवसीय विशेष आध्यात्मिक उत्सव “खुशहाल जीवन के लिए ध्यान” बुधवार को भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। समापन सत्र के दौरान माहौल उस समय भावुक हो गया जब अनेक श्रोताओं ने अपनी आंखों में अश्रुधारा के साथ जाने-अनजाने में हुई गलतियों और कर्मों के लिए परमात्मा से क्षमा मांगी। उपस्थित जनसमूह ने भविष्य में किसी को भी दुःख या तकलीफ न देने का दृढ़ संकल्प लिया।
आत्म से परमात्मा की भाव यात्रा
अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता और लाइफ कोच डॉ. शक्तिराज भाई ने अंतिम सत्र में उपस्थित लोगों को ‘राजयोग’ के माध्यम से गहन ध्यान का अभ्यास कराया। उन्होंने जीवन के गूढ़ रहस्यों को साझा करते हुए कहा:
संस्कारों की गठरी: मृत्यु के बाद केवल व्यक्ति के कर्म, पाप-पुण्य और संस्कार ही साथ चलते हैं। काम, क्रोध, लोभ और मोह की कालिमा के कारण ही आत्मा अपने असली स्वरूप में प्रकट नहीं हो पाती।
क्षमा याचना: यदि ईर्ष्या, राग-द्वेष या विकारों के वश होकर किसी का दिल दुखाया हो, तो समय रहते क्षमा मांग लेनी चाहिए, क्योंकि प्रत्येक पाप कर्म का हिसाब जन्म-जन्मान्तर तक चुकाना पड़ता है।


सकारात्मक ऊर्जा: हर विचार और व्यवहार का एक ‘रिएक्शन’ होता है। हमें योग और ध्यान के जरिए नकारात्मकता को मन से निकालकर सकारात्मक ऊर्जा संचित करनी चाहिए।
मोमबत्ती जलाकर मनाया नया जन्म
कार्यक्रम के अंत में एक अनूठा दृश्य देखने को मिला, जहाँ सभी उपस्थित लोगों ने मोमबत्ती जलाकर और अपने शुभ संकल्प लिखकर ‘जन्मोत्सव’ के गीतों के साथ अपना आध्यात्मिक जन्मदिन मनाया। “ओ पालन हारे, निर्गुण और न्यारे” गीत के साथ सभी ने अपनी शारीरिक, मानसिक और पारिवारिक चिंताओं को परमात्मा को सौंपते हुए सबके मंगलमय जीवन की कामना की।


संभागीय केंद्र प्रभारी बी.के. कमल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए शहरवासियों को नियमित रूप से राजयोग केंद्र आने का निमंत्रण दिया। कार्यक्रम में डॉ. आर.के. काजला और श्रीमती रामेश्वरीय भगवानाराम डूडी सहित कई गणमान्य लोगों ने इस सत्र को जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला ऐतिहासिक आयोजन बताया।








