फर्जी रसीद और चंदाखोरी के विवाद में निदेशालय में मारपीट; शिक्षा मंत्री से लेकर राज्यपाल तक पहुँचा मामला, कर्मचारी संघ ने खोला मोर्चा


बीकानेर, 24 दिसम्बर। शिक्षा निदेशालय परिसर आज उस समय अखाड़ा बन गया जब समाज शिक्षा अनुभाग में कार्यरत अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी श्री नवरतन जोशी के साथ एक कनिष्ठ कर्मी द्वारा मारपीट की गई। घटना के विरोध में शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ ने कड़ा आक्रोश जताते हुए निदेशालय परिसर में जमकर नारेबाजी की। शिक्षा निदेशक की अनुपस्थिति में स्टाफ ऑफिसर श्री अशोक शर्मा को ज्ञापन सौंपकर आरोपी सहायक प्रशासनिक अधिकारी सिद्धार्थ रिणवा को तुरंत निलंबित करने और उसके विरुद्ध विभागीय एफआईआर दर्ज करवाने की पुरजोर माँग की गई है।


शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और शिक्षा मंत्री सहित तमाम उच्चाधिकारियों को ईमेल भेजकर हस्तक्षेप की अपील की है। आचार्य ने आरोप लगाया कि निदेशालय के ही 15-20 कार्मिकों द्वारा 50वीं मंत्रालयिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर फर्जी रसीदें काटकर और ऑनलाइन माध्यम से अवैध रूप से चंदा इकट्ठा किया जा रहा है। बार-बार शिकायत के बावजूद प्रशासन द्वारा कार्रवाई न किए जाने के कारण इन कार्मिकों के हौसले बुलंद हैं, जिसका परिणाम आज की हिंसक घटना के रूप में सामने आया है।


मिली जानकारी के अनुसार, चंदे की धांधली और फर्जीवाड़े को लेकर सोशल मीडिया ग्रुपों में चल रही चर्चाओं से क्षुब्ध होकर सिद्धार्थ रिणवा ने सीनियर अधिकारी जोशी के साथ गाली-गलौज और मारपीट की, जिससे अनुभाग में कार्यरत महिला कार्मिकों और अन्य कर्मचारियों में भय व्याप्त हो गया। इस संबंध में बीछवाल थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि आरोपी का मुख्यालय बीकानेर से बाहर कर उसे तत्काल निलंबित नहीं किया गया और चंदा गिरोह की जांच नहीं हुई, तो संगठन उग्र आंदोलन की राह पकड़ेगा।
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