हर्षोल्लाव तालाब में 21 कुंडात्मक रुद्रचंडी महायज्ञ का आयोजन


- संस्कारी पीढ़ियों पर संत-महात्माओं ने दिया जोर
बीकानेर, 31 अक्टूबर। हर्षोल्लाव तालाब स्थित अमरेश्वर महादेव मंदिर में ज्योतिषाचार्य पं. बाबूलाल शास्त्री ज्योतिष बोध संस्थान के तत्वावधान में आयोजित 21 कुंडात्मक रुद्रचंडी महायज्ञ एवं शिव पंचाक्षरी अनुष्ठान धर्मनगरी बीकानेर को परिभाषित कर रहा है। शुक्रवार को अनुष्ठान के दूसरे दिवस बनारस के 1008 श्री सर्वेश्वरानंदजी महाराज ने यजमानों एवं ब्राह्मणों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि “तुम धर्म की रक्षा करो, धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा”— इन भावों को आत्मसात् करने पर सनातन संस्कृति सदैव आगे बढ़ेगी। उन्होंने संस्कारों की नींव को अगली पीढ़ियों में प्रवाहित करने पर जोर दिया, क्योंकि संस्कारी व्यक्ति न तो बुरा सोचता है और न ही बुरा कार्य करता है।




इस पांच दिवसीय अनुष्ठान में योगी शिवसत्यनाथ जी महाराज, योगी भास्करनाथ जी महाराज और श्रीधरानंदजी महाराज करपात्री सागर ने भी आशीर्वचन दिए। अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व मंत्री डॉ. बीडी कल्ला और एडिशनल एसपी दीपक शर्मा ने 108 ब्राह्मणों द्वारा शिव पंचाक्षरी मंत्रों के जप और 21 कुंडात्मक रुद्रचंडी महायज्ञ में दी जा रही आहुति के दृश्य को साक्षात् धर्मनगरी का स्वरूप बताया। यज्ञाचार्य पं. राजेन्द्र किराड़ू के आचार्यत्व में, सुबह सभी ब्राह्मणों व यजमानों द्वारा सामूहिक रुद्राभिषेक व शिव पंचाक्षरी मंत्रों का जाप किया गया। दोपहर में 3 से 6 बजे तक रुद्रयज्ञ में भगवान शंकर के मंत्रों व दुर्गा सप्तशती के सात सौ श्लोकों द्वारा आहुतियां दी गईं। इस अनुष्ठान में गौभक्त देवकिशन चांडक, बजरंग चांडक, शिवरतन राठी सहित 25 यजमान दम्पतियों ने सक्रिय भागीदारी की।











