52 साल का इंतज़ार खत्म ! भारत पहली बार महिला विश्व चैंपियन


- भारत की बेटियां अब सिर्फ़ खेलती नहीं, इतिहास लिखती हैं।
मुम्बई , 3 नवमबर। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में रविवार रात का वो पल जब गूंजा “इंडिया… इंडिया!” और चमचमाती ट्रॉफी हरमनप्रीत कौर की गोद में आकर ठहर गई—वो दृश्य अब क्रिकेट इतिहास बन चुका है। 52 साल के लंबे इंतज़ार के बाद भारतीय महिला टीम ने पहली बार ICC महिला वनडे विश्व कप 2025 अपने नाम किया। 298/7 का मजबूत स्कोर खड़ा कर दक्षिण अफ्रीका को 246 पर समेट दिया—और जीत की ये 52 रनों की खाई हरमनप्रीत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुस्कुराते हुए यूं बयां की: “मैं सुन्न हूं… समझ ही नहीं पा रही कि क्या बोलूं। सिर्फ़ इतना कहूंगी—टीम को पहले दिन से भरोसा था कि हम यह विश्व कप जीत सकते हैं।”



ट्रॉफी को गले लगाए, आंखें चमकती हुईं, हरमन ने बताया कि पिछले तीन मैचों ने सब बदल दिया। “पहली गेंद से लगा था कि हम जीत सकते हैं। शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने पहले 10 ओवर में जो तूफ़ान मचाया—बल्लेबाजी कभी आसान नहीं थी, लेकिन उनका श्रेय है। हम 300 के लिए खेल रहे थे, बस एक रन से चूके। फिर गेंदबाज़ी में जब-जब ज़रूरत पड़ी, ब्रेकथ्रू मिला। लॉरा वोल्वार्ट (101) खेल रही थीं तो आसान नहीं लग रहा था, लेकिन आख़िर में सब अच्छा हुआ।” दीप्ति शर्मा का 5 विकेट हॉल, रिचा घोष की 34 रनों की आग उगलती पारी, जेमिमा रोड्रिग्स का योगदान—हर कोई हीरो बना।



हरमन की आंखें नम हो गईं जब झूलन गोस्वामी का ज़िक्र आया। “झूलन दी मेरी सबसे बड़ी सपोर्ट रही हैं। जब मैं टीम में आई थी, वो कप्तान थीं। क्रिकेट के बारे में ज़्यादा नहीं जानती थी, तब उन्होंने हमेशा सहारा दिया। अंजुम चोपड़ा दी भी। और जब रेणुका सिंह चोटिल हुईं तो ड्रेसिंग रूम में सब रो रहे थे, लेकिन सबकी सोच एक थी—ट्रॉफी ही लक्ष्य है।” स्मृति के साथ पांचवां विश्व कप खेलते हुए हर बार हार के बाद चुप्पी, फिर शून्य से शुरुआत—अब वो दर्द खत्म। “हम कई फाइनल, सेमीफाइनल हारे, सोचते थे कब जीतेंगे? आज वो पल आ गया।”
दीप्ति शर्मा और हरमनप्रीत ने पलटा मैच
दीप्ति शर्मा ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट झटके। वहीं हरमनप्रीत कौर ने एक शानदार कैच लेकर मैच का रुख बदल दिया। साउथ अफ्रीका की पूरी टीम 45.3 ओवर में 246 रन पर ऑलआउट हो गई। शेफाली वर्मा ने टॉप ऑर्डर में आकर तेज रन बनाए और टीम को मजबूत शुरुआत दी। उनकी पारी ने भारत को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
भारत ने रचा इतिहास, पहली बार बनी वर्ल्ड चैंपियन
इस जीत के साथ भारत की महिला टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी अपने नाम की। ये पल सिर्फ खिलाड़ियों के लिए नहीं, पूरे देश के लिए गर्व का है। लंबे इंतजार के बाद भारत ने महिला क्रिकेट में वो मुकाम हासिल किया है, जिसका सपना हर फैन ने देखा था।
अंत में हरमन ने देश को संदेश दिया: “यह खत्म नहीं, शुरुआत है। हम जीत को आदत बनाना चाहते हैं।” बाहर स्टेडियम में आतिशबाज़ी चल रही थी, बच्चे “वंदे मातरम” गा रहे थे, और हरमन की मुस्कुराहट बता रही थी—भारत की बेटियां अब सिर्फ़ खेलती नहीं, इतिहास लिखती हैं।








