पंकज चौधरी निर्विरोध यूपी BJP अध्यक्ष निर्वाचित; सीएम योगी बने प्रस्तावक, किसी और ने नहीं भरा नामांकन


ओबीसी समुदाय पर बीजेपी ने खेला बड़ा दांव



लखनऊ, 13 दिसम्बर। भाजपा में यूपी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. आज दोपहर 3 बजे तक नामांकन करने का समय है. लेकिन, तय समय तक सिर्फ भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने ही नामांकन भरा. ऐसे में पंकज चौधरी निर्विरोध बीजेपी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित हो गए हैं. लेकिन, अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. लखनऊ स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में शनिवार को सिर्फ पंकज चौधरी ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. इससे स्पष्ट हो गया है कि 14 दिसंबर यानी रविवार को पंकज चौधरी नए प्रदेश घोषित किए जाएंगे. आइए जानते हैं पंकज चौधरी कौन हैं और उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा है?



सात बार सांसद रह चुके हैं पंकज चौधरी
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पंकज चौधरी उत्तर प्रदेश की महाराजगंज लोकसभा सीट से 7 बार सांसद चुने जा चुके हैं. वर्तमान में वे केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं. उनका जन्म 20 नवंबर 1964 को गोरखपुर में हुआ था. कुर्मी समुदाय से आने वाले चौधरी का परिवार राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़ा है. उनकी माता उज्ज्वल चौधरी महाराजगंज जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं.
चौथे कुर्मी प्रदेश अध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पंकज चौधरी उत्तर प्रदेश की महाराजगंज लोकसभा सीट से सात बार सांसद चुने जा चुके हैं. वर्तमान में केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री हैं. पंकज चौधरी का जन्म 20 नवंबर 1964 को गोरखपुर में हुआ था. कुर्मी समुदाय से आने वाले चौधरी का परिवार राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़ा है. इनकी माता उज्ज्वल चौधरी महाराजगंज जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं.
आज लखनऊ में भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पद हेतु माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, माननीय उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य जी, माननीय उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी, माननीय जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह जी की उपस्थिति में नामांकन पत्र दाखिल किया।
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— Pankaj Chaudhary (@mppchaudhary) December 13, 2025
पार्षद से शुरू किया था राजनीतिक सफर
चौधरी ने अपनी राजनीतिक यात्रा 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में शुरू की और उप महापौर भी बने. इसके बाद 1990 में बीजेपी से जुड़े और 1991 में पहली बार महाराजगंज से लोकसभा चुनाव जीता. इसके बाद 1996, 1998, 2004, 2014, 2019 और 2024 में जीत हासिल की और सांसद बने. हालांकि 1999 और 2009 में हार का सामना करना पड़ा था. मोदी सरकार में 2021 से पंकज चौधरी वित्त राज्य मंत्री हैं और विभिन्न संसदीय समितियों में सक्रिय रहे हैं.
41.90 करोड़ की संपत्ति के मालिक
2024 के लोकसभा चुनाव के हलफनामे में पंकज चौधरी ने अपनी संपत्ति लगभग 41.90 करोड़ रुपये बताई है. जिसमें कृषि भूमि, आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां शामिल हैं. पंकज चौधरी के पिता भगवती प्रसाद चौधरी एक जमींदार थे. बड़े भाई प्रदीप चौधरी वर्ष 1995 में जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए थे. माता उज्ज्वला चौधरी भी राजनीति में सक्रिय रहीं और वर्ष 2010 तक दो बार महराजगंज जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं. 11 जून 1990 को पंकज चौधरी का विवाह भाग्यश्री चौधरी से हुआ था. उनके एक पुत्र रोहन चौधरी और एक पुत्री हैं. रोहन चौधरी भी सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
मोदी और शाह के करीब
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, पूर्वांचल में कुर्मी और ओबीसी वोट बैंक में मजबूत पकड़ रखने वाले चौधरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है. 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने ओबीसी कार्ड के तहत पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है.
अब तक 13 लोग बने प्रदेश अध्यक्ष
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के 1980 में गठन के बाद से अब तक उत्तर प्रदेश में 13 नेता प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. इनमें सिर्फ कलराज मिश्र ही दो बार प्रदेश अध्यक्ष बने हैं. 4 ब्राह्मण, 1 भूमिहार, 3 कुर्मी सहित 6 ओबीसी और 1 राजपूत समाज से प्रदेश अध्यक्ष चुने गए हैं. कुर्मी प्रदेश अध्यक्ष में ओम प्रकाश सिंह, विनय कटियार और स्वतंत्र देव सिंह शामिल थे. तीनों ने भाजपा को यूपी में बड़ी सफलता दिलाई. अब इसी समाज से पंकज चौधरी भी हैं.
प्रदेश अध्यक्षों का कार्यकाल
यूपी भाजपा के पहले प्रदेश अध्यक्ष माधो प्रसाद त्रिपाठी (1980-84) थे. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (1984-1990), कलराज मिश्र (1991-1997), राजनाथ सिंह (25 मार्च 1997-3 जनवरी 2000), ओमप्रकाश सिंह (3 जनवरी 2000-17अगस्त 2000), कलराज मिश्र (17 अगस्त 2000-24 जून 2002), विनय कटियार (24 जून 2002-18 जुलाई 2004), केशरी नाथ त्रिपाठी (18 जुलाई 2004 -3 सितंबर 2007), डॉ. रमापति राम त्रिपाठी (3 सितंबर 2007-23 मई 2010), सूर्य प्रताप शाही (12-मई-2010 13-अप्रैल-2012), लक्ष्मीकान्त बाजपेयी (13 अप्रैल 2012- 8 अप्रैल 2016),केशव प्रसाद मौर्य (8 अप्रैल 2016- 31 अगस्त 2017), महेन्द्र नाथ पाण्डेय (31 अगस्त 2017-16 जुलाई 2019), स्वतंत्र देव सिंह (16 जुलाई 2019- 25 अगस्त 2022), चौधरी भूपेंद्र सिंह (25 अगस्त 2022- अभी तक).
यह स्पष्ट है कि पंकज चौधरी का भाजपा के अध्यक्ष बनने से पार्टी की राजनीतिक दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। उनकी अनुभव और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए, यह कदम भाजपा को उत्तर प्रदेश में मजबूती प्रदान कर सकता है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा रविवार दोपहर लखनऊ में पार्टी के एक कार्यक्रम में होने की उम्मीद है, जहां केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के नामों की भी घोषणा होगी.








