अपार आईडी योजना: राजस्थान में लक्ष्य से कोसों दूर, 17 दिन में 80% काम बाकी

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जयपुर, 14 जुलाई 2025। शिक्षा मंत्रालय द्वारा छात्रों की शैक्षणिक जानकारी को डिजिटल रूप से एक जगह दर्ज करने के लिए शुरू की गई अपार (ऑथोराइज्ड परमानेंट एकेडमिक रिकॉर्ड) आईडी योजना राजस्थान में शिक्षकों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। 31 जुलाई की निर्धारित समय-सीमा नजदीक होने के बावजूद, प्रदेश के अधिकांश जिलों में इस दिशा में काम बेहद धीमा चल रहा है। अभी भी लगभग 80% काम अधूरा है। अपार आईडी के माध्यम से छात्र किसी भी राज्य में उच्च शिक्षा या नौकरी के लिए आवेदन करते समय अपनी पूरी शैक्षणिक जानकारी एक क्लिक में दिखा सकेंगे, जिससे प्रक्रिया सरल और तेज हो जाएगी। हालांकि, शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को 31 जुलाई तक सभी विद्यार्थियों की अपार आईडी तैयार करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर प्रगति निराशाजनक है।

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धीमी प्रगति का हाल
प्रदेश के कुल 41 जिलों में से, केवल चार जिलों ने ही 20 प्रतिशत से अधिक काम पूरा किया है। इनमें झुंझुनूं (31.66%), बूंदी (24.22%), पाली (23.12%), और कोटा (21.9%) शामिल हैं। शेष जिलों में काम कछुआ चाल से चल रहा है। कुछ जिले तो बेहद पीछे हैं, जो चिंता का विषय है। सलूंबर में मात्र 8.58%, प्रतापगढ़ में 9.75%, डीग में 10.7%, उदयपुर में 11.06% और ब्यावर में 11.38% विद्यार्थियों की ही अपार आईडी अपलोड की जा सकी है। प्रदेशभर के आंकड़ों पर गौर करें तो, अब तक मात्र 16.32% विद्यार्थियों की अपार आईडी ही अपलोड हो पाई है।

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क्या समय पर पूरा होगा काम?
शिक्षा विभाग ने आईडी अपलोड करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई तय की है। ऐसे में, शेष 17 दिनों में सभी विद्यार्थियों की आईडी अपलोड हो पाएगी, इसकी संभावना बेहद कम दिख रही है। सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग भी इस योजना को लेकर कोई खास रुचि नहीं दिखा रहा है, जिससे काम की धीमी गति और बढ़ रही है।

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