गंगाशहर तेरापंथ भवन में जैन विश्व भारती के पदाधिकारियों का आगमन


गंगाशहर, 05 दिसम्बर । गंगाशहर स्थित तेरापंथ भवन में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमार जी के पावन सान्निध्य में जैन विश्व भारती के पदाधिकारियों ने प्रवचन का लाभ उठाया।
मुनिश्री का उद्बोधन और पदाधिकारी
जैन विश्व भारती का महत्व: मुनिश्री कमल कुमार जी ने जैन विश्व भारती (JVB) को धर्मसंघ की महती संस्था बताते हुए, इसे गुरुदेव तुलसी के शब्दों में ‘कामधेनू’ और आचार्य श्री महाश्रमण जी के शब्दों में ‘जय कुंजर’ बताया।




पदाधिकारियों की उपस्थिति: प्रवचन का लाभ लेने वालों में जैन विश्व भारती के वर्तमान अध्यक्ष अमरचन्द लूंकड़, पूर्व अध्यक्ष धर्मचन्द लूंकड़, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पन्नालाल बैद, अमित कांकरिया, विमल रुणवाल, राजेश कोठारी, राजू खटेड़, और प्रकाश बैद इत्यादि शामिल थे।



मुनिश्री की प्रशंसा: मुनिश्री ने इन पदाधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि शादी समारोह में आने के बावजूद उन्होंने कल और आज दोनों दिन सेवा और दर्शन का लाभ लिया, जो उनके संस्कारी और सेवाभावी होने का प्रमाण है।
स्वागत और आगामी योजनाएँ
योजना प्रस्तुति: राजू खटेड़ ने जैन विश्व भारती की विस्तृत योजना प्रस्तुत की।
स्वागत: तेरापंथी सभा गंगाशहर की ओर से जैन लूणकरण छाजेड़ ने आगन्तुकों का स्वागत करते हुए कहा कि तेरापंथ समाज की प्रतिष्ठित संस्था जैन विश्व भारती के पदाधिकारियों का आचार्य श्री तुलसी के निर्वाण स्थल तेरापंथ न्यास में हार्दिक अभिनन्दन है।
पताका से स्वागत: नवरतन बोथरा, ताराचन्दजी गुलगुलिया, नारायण चैपड़ा, और पीयुष लुणिया ने तेरापंथी सभा की तरफ से सभी आगुन्तकों का पताका पहनाकर का सम्मान किया।
तपस्या और धार्मिक कार्यक्रम
तपस्या: कार्यक्रम के दौरान कई साधकों ने तपस्या का संकल्प लिया। मुनि नमिकुमार ने 18 की तपस्या का, और कौशल्या देवी सांड ने 5 की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। मुनि श्रेयांसकुमार जी ने भी पुनः उपवाश का प्रत्याख्यान किया।
पचरंगी प्रारंभ: आज से उपवाश और एकाशन की पचरंगी भी प्रारंभ हो चुकी है, जिसमें काफी भाई-बहनों ने उत्साहपूर्वक प्रत्याख्यान किए।








