बीकानेर के सरकारी समाचार- खेल पुरस्कार, जनसुनवाई, वृक्षारोपण और कृषि कार्यशालाएँ

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बीकानेर, 16 जुलाई । बीकानेर से जुड़े कई महत्वपूर्ण सरकारी अपडेट्स सामने आए हैं, जिनमें खेल पुरस्कारों की घोषणा, जनसुनवाई का समय परिवर्तन, शिक्षा विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान और कृषि क्षेत्र में गुलाबी सुंडी प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन शामिल है। खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को मिलेंगे महाराणा प्रताप एवं गुरु वशिष्ठ पुरस्कार
राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद ने वर्ष 2023-24 और वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को महाराणा प्रताप एवं गुरु वशिष्ठ पुरस्कार-2025 देने का निर्णय लिया है। पुरस्कारों के नियम और आवेदन फॉर्म परिषद की वेबसाइट (www.rssc.in) पर उपलब्ध हैं। राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद के सचिव श्री राजेंद्र सिंह ने सभी जिला खेल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जिले से योग्यता पूरी करने वाले उत्कृष्ट खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के आवेदन पत्र सभी प्रमाण पत्रों सहित 31 जुलाई तक मुख्यालय भिजवाएं।

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जिला स्तरीय जनसुनवाई अब शुक्रवार को होगी
जिलों में राज्य स्तरीय कार्यक्रम ‘सहकार एवं रोजगार उत्सव’ के आयोजन के कारण, जो गुरुवार को होना है, बीकानेर में गुरुवार को होने वाली जिला स्तरीय जनसुनवाई अब शुक्रवार को आयोजित की जाएगी। जन अभियोग निराकरण विभाग के संयुक्त शासन सचिव हर्ष सावनसुखा ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

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शिक्षा विभाग लगाएगा करीब 33 लाख पौधे, नामांकन बढ़ाने पर जोर
समग्र शिक्षा अभियान की जिला निष्पादन समिति, जिला स्तरीय राष्ट्रीय पोषाहार सहायता कार्यक्रम और पीएमश्री स्कूल योजना की समीक्षा बैठक बुधवार को जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। हरियालो राजस्थान अभियान: जिला कलेक्टर ने शिक्षा विभाग को जिले में करीब 33 लाख पौधे लगाने के टारगेट को आपसी समन्वय से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।

नामांकन में वृद्धि: नए शिक्षा सत्र में प्रत्येक स्कूल में 10 फीसदी नामांकन बढ़ाने के निर्देश दिए गए।

मिड-डे-मील की गुणवत्ता: प्रत्येक स्कूल में मिड-डे-मील की जांच प्रतिदिन पांच बच्चों की मां या उनके अभिभावकों से चैक करवाना सुनिश्चित करने को कहा गया। इसके लिए अलग से रजिस्टर मेंटेन होगा और निरीक्षण अधिकारी इसे देखेंगे। मेनू के अनुरूप भोजन मिलने की भी जांच की जाएगी। प्रत्येक बच्चे की राज सिम्स पोर्टल पर प्रतिदिन उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज करने के निर्देश दिए गए, ताकि पूरी ग्रांट मिल सके। बारिश के मौसम को देखते हुए मिल्क पाउडर व खाद्यान्न के अच्छे भंडारण के निर्देश भी दिए गए। डीईओ प्रारंभिक श्री के.डी. चारण ने मिड-डे-मील के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

पीएमश्री स्कूलों का निरीक्षण: जिला कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को महीने में दो पीएमश्री स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। जिले में कुल 17 पीएमश्री स्कूल हैं।

स्कूल भवनों की सुरक्षा: बारिश के मौसम को देखते हुए सभी प्रिंसिपलों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि स्कूल की कोई बिल्डिंग जर्जर स्थिति में तो नहीं है। अगर है तो तत्काल रिपोर्ट कर आगामी कार्रवाई की जाए ताकि कोई दुर्घटना न हो। साथ ही स्कूलों में शत-प्रतिशत विद्युत कनेक्शन हेतु निर्देशित किया गया।

पौधारोपण की रणनीति: सीडीईओ श्री महेंद्र शर्मा ने बताया कि जिले को मिले 33 लाख पौधे लगाने के टारगेट के अनुरूप कक्षा 1 से 8 तक के बच्चे मानसून के दौरान कुल 10 पौधे, जबकि कक्षा 9 से बारहवीं तक के विद्यार्थी व स्कूल स्टाफ 15-15 पौधे लगाएंगे। एडीईओ माध्यमिक श्री ओम प्रकाश बिश्नोई ने बताया कि पौधों को सर्वप्रथम स्कूल की चारदीवारी में लगाया जाएगा। जगह न बचने पर गांव की श्मशान भूमि में, उसके बाद पटवारी द्वारा चिह्नित जगहों पर लगाया जाएगा। अगर फिर भी जगह न मिले तो बच्चों को पौधे घर ले जाने और अपने घर के आसपास लगाने, साथ ही जन्मदिन, वर्षगांठ आदि के अवसर पर अभिभावकों को भी पौधा लगाने हेतु प्रेरित किया जाएगा। पौधों की अनुपलब्धता की स्थिति में बीज रोपण कर पौध तैयार की जाएगी। खाजूवाला ब्लॉक के कुछ स्कूलों ने खुद की पौध नर्सरी तैयार कर ली है।

मियावाकी पद्धति से पौधारोपण: जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक श्री रामगोपाल शर्मा ने बताया कि स्कूल में जगह कम होने पर जापान की मियावाकी पद्धति से बहुत कम जगहों पर बड़ी संख्या में पौधे लगाए जा सकते हैं। इस पद्धति के अंतर्गत 1 वर्ग मीटर जगह के अंदर दो से चार देशी प्रजाति के पौधे लगाए जाते हैं।

‘सहकार एवं रोजगार उत्सव’ का सीधा प्रसारण, 292 युवाओं को मिलेंगे नियुक्ति पत्र
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य तथा मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की गरिमामय मौजूदगी में गुरुवार को जयपुर के दादिया ग्राम में होने वाले ‘सहकार एवं रोजगार उत्सव’ का सीधा प्रसारण रवींद्र रंगमंच पर आयोजित होने वाले जिला स्तरीय कार्यक्रम में किया जाएगा। जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि ने बुधवार को इसकी तैयारियों से जुड़ी बैठक ली। उन्होंने बताया कि इस उत्सव के दौरान जिले के 292 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। इनमें सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के 133, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 78 तथा आयुर्वेद विभाग के 38 नव चयनित युवा शामिल हैं। कुल 15 विभागों के युवा भी इसमें मौजूद रहेंगे।

जिला कलेक्टर ने सभी नवचयनित युवाओं को प्रातः 10:30 बजे रवींद्र रंगमंच पहुंचने के निर्देश दिए, जहां उनका पंजीकरण होगा और उन्हें वेलकम किट दी जाएगी। उन्होंने प्रतिभागियों के लिए बैठक, पेयजल, भोजन सहित सीधा प्रसारण व्यवस्था, ब्रांडिंग, यातायात आदि व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

बीटी कपास में गुलाबी सुंडी प्रबंधन पर जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित
कृषि विभाग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन योजना अंतर्गत बुधवार को कपास में कीट व्याधियों के प्रबंधन के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला आत्मा सभागार कृषि भवन में आयोजित हुई। इस दौरान जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल, बीकानेर पंचायत समिति प्रधान राजकुमार कस्वा, तोलाराम कूकणा, सरपंच शिवलाल मौजूद रहे।

मुख्य उद्देश्य: कृषि आयुक्तालय के निर्देशानुसार बीटी कॉटन में लगने वाले गुलाबी सुंडी रोग से बचाव के लिए किसानों को रोग के प्रकोप पर निगरानी, नियंत्रण के संबंध में जानकारी देने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई। ग्राम पंचायत स्तर पर भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कृषि अधिकारियों, प्रगतिशील कृषकों व जिनिंग मिल मालिकों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की गई थी।

गुलाबी सुंडी प्रबंधन के टिप्स:

  • संयुक्त निदेशक (कृषि) कैलाश चौधरी ने बताया कि कॉटन की बुवाई से पूर्व जिनिंग उपरांत अवशेष सामग्री को नष्ट किया जाना आवश्यक है, जिससे कीट का समुचित प्रबंधन हो सके।
  • किसानों को बीटी कॉटन की लकड़ियों का सही तरीके से प्रबंधन करने की सलाह दी गई, ताकि गुलाबी सुंडी के प्रकोप को शुरुआती अवस्था में ही रोका जा सके।
  • कृषकों को गुलाबी सुंडी के प्रबंधन विषय पर निःशुल्क पम्पलेट व साहित्य वितरण के साथ ही प्रभावी मॉनिटरिंग हेतु फेरोमोन ट्रैप वितरित किए गए।
  • वरिष्ठ वैज्ञानिक काजरी ने बीटी कपास की फसल की ‘पैकेज ऑफ प्रैक्टिसेज’ से किसानों को अवगत कराया।
  • कृषि विश्वविद्यालय के पौध व्याधि वैज्ञानिक डॉ. बी.डी.एस. नाथावत ने बीटी कपास में कीट व्याधि नियंत्रण पर प्रकाश डाला।
  • शस्य वैज्ञानिक एस.के.आर.ए.यू. डॉ. अमर सिंह गोदारा ने किसानों से कपास फसल में सिंचाई व उर्वरक प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की।

कृषि अधिकारी (मिशन) राम निवास गोदारा ने गुलाबी सुंडी के कॉटन की फसल को होने वाले नुकसान एवं कीट के जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाओं पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भंडारित कपास को ढक कर रखें, जिससे गुलाबी सुंडी के पतंगे खेतों में फसल पर अंडे नहीं दे सकेंगे। सहायक निदेशक भैराराम गोदारा ने जलवायु परिवर्तन और जिनिंग मिलों में अपशिष्ट प्रबंधन की कमी को गुलाबी सुंडी के बढ़ते प्रभाव का कारण बताया।

मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना: पेंशन और बच्चों का वार्षिक सत्यापन
मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत लाभान्वित अनाथ बच्चों, विधवा महिलाओं एवं उनके बच्चों को प्रतिवर्ष जुलाई में पेंशनर्स के जीवित होने और बच्चों के अध्यनरत रहने के सत्यापन के आधार पर नियमित भुगतान किया जाएगा।

 

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