मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की कैबिनेट में व्यापक फेरबदल, हर्ष संघवी बने उपमुख्यमंत्री रिवाबा जडेजा को भी मंत्री पद



गांधीनगर, 17 अक्टूबर। गुजरात की राजनीति में शुक्रवार का दिन बड़ा बदलाव लेकर आया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपनी नई टीम के साथ शपथ ली और प्रदेश को मिला नया उपमुख्यमंत्री, हरदीप संघवी। महात्मा मंदिर कन्वेंशन सेंटर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत की मौजूदगी में यह ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ। गुजरात की राजनीति में आज एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर सभी 16 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। यह कदम भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर उठाया गया, जिसके बाद आज नए मंत्रिमंडल का गठन किया गया। हर्ष संघवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है, जबकि क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को पहली बार मंत्री पद दिया गया है। यह फेरबदल स्थानीय निकाय चुनावों से पहले बीजेपी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
घटनाक्रम का विवरण
कल, 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद सभी मंत्रियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफों को स्वीकार करते हुए, आज गांधीनगर के महात्मा मंदिर में नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे।
कैबिनेट शपथ ग्रहण समारोह
गुजरात को मिला नया 26 सदस्यीय मंत्रिमंडल
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए 26 सदस्यीय नई कैबिनेट की घोषणा की। इस नई टीम में युवा चेहरे और नए प्रयोग देखने को मिले। क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को भी मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।




हरदीप संघवी की जीत और बढ़ता कद
हरदीप संघवी ने 2022 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को एक लाख से अधिक मतों से हराया था। भाजपा के संगठनात्मक कार्यों में लंबे समय से सक्रिय रहे संघवी को अब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का डिप्टी बनाया गया है। यह फैसला पार्टी के भीतर उनके बढ़ते प्रभाव और लोकप्रियता का संकेत माना जा रहा है। नई कैबिनेट में कुल 25 मंत्री शामिल हैं, जिसमें युवा चेहरों, महिलाओं और विभिन्न जातियों के प्रतिनिधियों को जगह दी गई है। प्रमुख नाम इस प्रकार हैं-




हर्ष संघवी: उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वे पहले गृह मंत्री थे और युवा नेतृत्व के प्रतीक माने जाते हैं।
रिवाबा जडेजा: पहली बार विधायक बनीं रिवाबा को राज्य मंत्री बनाया गया। वे जामनगर से विधायक हैं और बीजेपी की महिला शक्ति को मजबूत करने का हिस्सा हैं।
अन्य प्रमुख मंत्री: जगदीश विश्वकर्मा (ओबीसी समुदाय से, हाल ही में गुजरात बीजेपी अध्यक्ष बने), साथ ही जातीय संतुलन बनाए रखने के लिए पटेल, कोली और अन्य समुदायों से विधायकों को शामिल किया गया। यह फेरबदल ‘गुजरात फॉर्मूले’ के तहत देखा जा रहा है, जहां एंटी-इनकंबेंसी को कम करने के लिए पुराने चेहरों को हटाकर नए लोगों को मौका दिया जाता है।
राजनीतिक विश्लेषण
यह कैबिनेट फेरबदल बीजेपी की रणनीतिक चाल है, जो गुजरात में अपनी सत्ता को मजबूत करने और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए उठाई गई है। हाल ही में गुजरात बीजेपी में गुटबाजी और ‘स्लैपगेट’ जैसी घटनाएं सामने आई थीं, जहां पार्टी की आंतरिक अनुशासनहीनता उजागर हुई। इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए, केंद्रीय नेतृत्व ने पूरे मंत्रिमंडल को बदलने का फैसला लिया, जो पार्टी की ऐतिहासिक अनुशासन की छवि को बहाल करने का प्रयास है।
जातीय संतुलन और एंटी-इनकंबेंसी: नई कैबिनेट में ओबीसी, पटेल, आदिवासी और महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व दिया गया है, जो गुजरात की जातीय गणित को संतुलित करने की कोशिश है। बीजेपी को लगता है कि पुराने मंत्रियों के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर मजबूत हो रहा था, इसलिए नए चेहरों से नई ऊर्जा लाई जा रही है। उदाहरण के लिए, हर्ष संघवी जैसे युवा नेता को उपमुख्यमंत्री बनाना युवा वोटरों को आकर्षित करने की रणनीति है।
चुनावी प्रभाव: स्थानीय निकाय चुनावों से पहले यह बदलाव बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है, लेकिन अगर नए मंत्री प्रदर्शन नहीं कर पाए तो विपक्ष (कांग्रेस और आप) इसे अवसर के रूप में इस्तेमाल कर सकता है। गुजरात में बीजेपी की मजबूत पकड़ है, लेकिन हाल की घटनाओं से पार्टी की एकजुटता पर सवाल उठे हैं। यह फेरबदल मोदी-शाह युग की ‘परिवर्तन’ नीति का हिस्सा लगता है, जहां बदलाव से स्थिरता लाई जाती है।
संभावित चुनौतियां: नए मंत्रिमंडल को प्रशासनिक अनुभव की कमी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन बीजेपी का मानना है कि यह जोखिम चुनावी लाभ से बड़ा नहीं है। कुल मिलाकर, यह उलटफेर गुजरात की राजनीति को नई दिशा दे सकता है, लेकिन इसका असली परीक्षण आगामी चुनावों में होगा।
कैबिनेट विस्तार से पहले सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर सभी 16 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद शुक्रवार को नई कैबिनेट ने शपथ लेकर गुजरात की राजनीति में नया अध्याय शुरू किया।
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