बच्चों की बुजुर्गों से मित्रता सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करती है: डॉ. अर्पिता गुप्ता



बीकानेर, 2 अगस्त। आर.एल.जी. संस्थान द्वारा संचालित चैरिटेबल विद्यालय के बच्चों ने मित्रता दिवस के उपलक्ष्य में वृंदावन एन्क्लेव स्थित मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह में एक heartwarming कार्यक्रम का आयोजन किया।
बुजुर्गों और बच्चों के बीच भावनात्मक जुड़ाव
इस कार्यक्रम में, परिवार से बिछड़े हुए और एकाकी जीवन गुजार रहे बुजुर्गों को जब बच्चियों ने तिलक लगाकर मित्रता का धागा बांधा और उनके पैर छुए, तो वे बेहद खुश और भावुक हो गए। कई बुजुर्गों को अपने नाती-पोते याद आ गए। उन्होंने बच्चों के सिर पर हाथ फेरा और खुश रहने का आशीर्वाद देते हुए कहा, “आते-जाते रहा करो, रौनक हो जाती है।”




दोस्ती के मायने और सकारात्मक प्रभाव
संस्थान की अध्यक्ष डॉ. अर्पिता गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि बुजुर्गों से दोस्ती के बहुत बड़े मायने हैं। उन्होंने बताया कि बुजुर्गों से दोस्ती करके जीवन के अनुभव हासिल किए जा सकते हैं, जो हमारे जीवन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इससे जनरेशन गैप भी खत्म होता है और बुजुर्गों को भी एकाकीपन महसूस नहीं होता। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों के लिए इस दोस्ती के कई लाभ गिनाए, जैसे- सामाजिक कौशल का विकास, आत्म-सम्मान में वृद्धि व भावनात्मक समर्थन। संस्थान की सचिव स्नेहा शर्मा ने कहा कि बच्चों और बुजुर्गों के बीच की दोस्ती एक अनमोल रिश्ता हो सकता है जो दोनों के जीवन को खुशहाल और सार्थक बना सकता है।


कार्यक्रम की गतिविधियाँ और सहयोग
इस अवसर पर बुजुर्गों ने बच्चों को कहानियाँ सुनाईं, जबकि बच्चों ने कविताएँ और चुटकुले सुनाए। सभी ने मिलकर गीत भी गाए, जिससे माहौल और भी खुशनुमा हो गया। मीडिया प्रभारी विजय कपूर ने बताया कि बुजुर्गों और बच्चों द्वारा एक-दूसरे को दिए गए स्नेह का दृश्य बेहद भावुक करने वाला था। संस्थान द्वारा इस अवसर पर राशन, बिस्कुट आदि सामग्री भी वितरित की गई। कार्यक्रम में मिशिता सोनी, मैत्रिका सिंह, सानवी, कनक, दिव्यांशी, रिशिका सहित कई बच्चे उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में विनोद कुमार, विक्रम सिंह, श्रवण राम, प्रवीण, सुमन, बबीता चौधरी और वीरभान की महत्वपूर्ण भूमिका रही।