बीकानेर अंडरपास निर्माण से पहले विवाद: मुआवजे और आंशिक अधिग्रहण पर सवाल



बीकानेर, 6 अगस्त। बीकानेर के कोटगेट और सांखला फाटक पर प्रस्तावित अंडरपास निर्माण से पहले ही विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। राज्य सरकार ने बीकानेर विकास प्राधिकरण (BDA) के प्रस्ताव पर अंडरपास के रास्ते में आने वाली 36 बिल्डिंगों को अधिग्रहित करने के लिए नोटिस जारी कर दिए हैं। इन नोटिसों से सबसे ज़्यादा परेशानी किराए पर दुकान चलाने वाले व्यापारियों को है, क्योंकि मुआवजा केवल भवन मालिक को मिलेगा, न कि दशकों से वहां व्यापार कर रहे दुकानदारों को।
निर्माण चुनौतियाँ और आंशिक अधिग्रहण के मुद्दे
अंडरपास बनाने वाली एजेंसी को न सिर्फ सीवरेज नाले की समस्या से जूझना पड़ेगा, बल्कि चार मंजिला इमारतों में से कुछ हिस्से को खाली कराना भी चुनौतीपूर्ण होगा। अवाप्ति के लिए अधिकांश बिल्डिंगों को पूरी तरह से अधिग्रहित करने के बजाय उनके छोटे-छोटे हिस्से लिए जा रहे हैं। इसी तरह सांखला फाटक के पास भी एक बड़ी बिल्डिंग का केवल एक तरफ का हिस्सा ही अवाप्त हो रहा है, जिससे इस पूरी बिल्डिंग को ही ध्वस्त करना पड़ सकता है। यह आंशिक अधिग्रहण बाकी बचे हिस्से को उपयोगहीन बना सकता है या पूरी इमारत की संरचना को कमजोर कर सकता है।




कोटगेट अंडरपास की समस्याएँ
कोटगेट अंडरपास की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह मुख्य सड़क से न होकर फड़ बाजार की संकरी गली से होते हुए मुख्य दुकानों के पीछे से निकलेगा। इससे कई दुकानों के पिछले हिस्से टूटेंगे, जिससे पूरी बिल्डिंग का उपयोग असंभव हो जाएगा। जैसे, पेंटर भोज की दो दुकानों में से एक के पीछे का हिस्सा अधिग्रहित हो रहा है। दुकानदार जितेंद्र गहलोत का कहना है कि अगर प्रशासन केवल 5 फीट भी लेता है, तो बाकी बिल्डिंग गिराए बिना उसका उपयोग नहीं हो पाएगा। उनकी मांग है कि मुआवजा सिर्फ जमीन का नहीं, पूरी बिल्डिंग का चाहिए। इसी तरह फड़ बाजार में चिरंजीलाल श्रीमाली की बिल्डिंग और पास की वाइन शॉप व अन्य हिस्सों को भी ध्वस्त करना पड़ सकता है।


सांखला फाटक अंडरपास की चुनौतियाँ
सांखला फाटक अंडरपास के लिए कोयला गली से मटका गली तक रास्ता निकाला जा रहा है। मटका गली में करीब 15 फीट गहरी सीवरेज लाइन है, जिसके किनारे का हिस्सा अधिग्रहित किया जा रहा है। विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि सीवरेज लाइन के इतने करीब अंडरपास कैसे सफल हो पाएगा। यह अंडरपास बीकानेर भुजिया भंडार के सामने खुलेगा, जहाँ हाल ही में नया सीवर चैंबर बना है, जो निर्माण एजेंसी के लिए एक बड़ी तकनीकी चुनौती बन सकता है। उर्मिला आसोपा की कुछ बिल्डिंगों को भी आंशिक रूप से अवाप्त किया जा रहा है, जिससे बचने वाला हिस्सा उपयोगहीन हो जाएगा।
दुकानदारों का भविष्य और सरकारी अधिसूचना
सबसे बड़ा सवाल यही है कि यहां वर्षों से दुकान चला रहे किरायेदारों का क्या होगा, क्योंकि मुआवजा मकान मालिक को मिलेगा। काली माई होटल सहित आसपास की कई दुकानें और डिस्पोजल की दुकानें भी संकट में हैं। दुकानदारों की मांग है कि उन्हें आसपास के क्षेत्र में नई दुकानें दी जाएं ताकि उनका रोजगार न छिने।
कोटगेट और सांखला फाटक पर अंडरपास बनाने के लिए सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। गजट नोटिफिकेशन जारी होते ही भूमि अवाप्ति अधिकारी ने दोनों जगह 36 प्रतिष्ठान, प्याऊ और मकानों को भूमि अवाप्त होने का नोटिस जारी कर दिया है। सभी प्रभावितों को सक्षम स्तर अधिकारी के यहां अपनी बात रखने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है। कोटगेट फाटक पर रेलवे अंडरपास बनाने के लिए 124.51 वर्गमीटर भूमि (13 प्रतिष्ठान और 1 प्याऊ) और सांखला फाटक पर 184.21 वर्गमीटर जमीन (23 प्रतिष्ठान और 1 मकान) अधिग्रहित होगी। उपशासन सचिव राकेश कुमार सैकंड ने ये आदेश जारी किए हैं।
वर्षों पुरानी समस्या का समाधान
यह अंडरपास एक लंबे समय से लंबित मांग है। शहर के बीचोंबीच कोटगेट पर दो रेलवे क्रॉसिंग हैं, जो रोजाना 24 घंटे में 60 बार बंद होते हैं, जिससे लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है और जाम लगता है। सांखला फाटक अंडरपास बनने से कोयला गली से मटका गली तक रास्ता मिलेगा और वहां से दो तरफ रोड निकलेंगी, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी। सरकार ने इसके लिए 35 करोड़ रुपये का बजट भी दे रखा है।कुलराज मीणा, सचिव, बीडीए ने बताया कि “गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया है। उसके बाद बीडीए और भूमि अवाप्ति अधिकारी भी संबंधित व्यक्तियों को नोटिस जारी कर रहे हैं। कुछ को जारी कर भी दिए हैं।”