50 लाख के बीमा क्लेम के लिए खुद को मरा बताया: बीकानेर में नर्सिंगकर्मी गिरफ्तार, फर्जीवाड़ा उजागर



बीकानेर, 16 अगस्त। बीकानेर में 50 लाख रुपये के बीमा क्लेम के लिए एक नर्सिंगकर्मी ने खुद को मृत घोषित कर दिया। इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए उसने श्मशान घाट से फर्जी अंतिम संस्कार की रसीद बनवाई और उसी के आधार पर फर्जी डेथ सर्टिफिकेट भी तैयार करवाया। जब बैंक ने मामले की पड़ताल की, तो युवक जिंदा निकला। यह मामला जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने का है।
पूरा मामला और गिरफ्तारी
पुलिस ने आरोपी मांगीलाल ज्याणी (29), निवासी 19 जीडी थाना घड़साना (श्रीगंगानगर) को गिरफ्तार कर लिया है। मांगीलाल पेशे से मेल नर्स है और होम केयर का काम करता था। उसने इस फर्जीवाड़े के लिए कई फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार किए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि उसने करणी नगर में जिस किराए के मकान में वह रहता था, उसी को अपना स्थायी पता बताकर सारे फर्जी कागजात बनवा लिए थे।




एसआई देवेंद्र सोनी ने बताया कि 22 अगस्त 2024 को बंधन लाइफ इंश्योरेंस के लीगल ऑफिसर सौरभ कुमार ने जयनारायण व्यास कॉलोनी पुलिस थाने में यह मामला दर्ज करवाया था। उन्होंने बताया कि मांगीलाल ने 9 अगस्त 2023 को 50 लाख रुपये का टर्म लाइन रिस्क इंश्योरेंस प्लान लिया था, जिसकी मासिक किस्त 1221 रुपये थी। दो किश्तें जमा होने के बाद, 14 अक्टूबर 2023 को बताया गया कि मांगीलाल की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। इसके बाद, मांगीलाल के एक दोस्त (जिसे पवन बताया गया था) ने इंश्योरेंस के पैसे के लिए क्लेम किया।



फर्जी डॉक्यूमेंट्स और दोस्त की मिलीभगत
पुलिस जांच में पता चला कि मांगीलाल के इस पूरे फर्जीवाड़े में उसका दोस्त शाहरुख उर्फ सन्नी भी शामिल है, जिसके खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। क्लेम उठाने के लिए मांगीलाल ने पहले बैंक ऑफ बड़ौदा में पवन के नाम से एक फर्जी खाता खुलवाया। इंश्योरेंस पॉलिसी में भी नॉमिनी पवन को ही बताया गया था।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि मांगीलाल ने अपने दोस्त शाहरुख को ही पवन बताकर फर्जी डॉक्यूमेंट बनाए थे। इतना ही नहीं, श्रीगंगानगर का रहने वाला पवन अपने आप को बीकानेर के करणी नगर का निवासी बताकर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और जन आधार कार्ड तैयार करवाए थे।
जब बैंक ने मांगीलाल की मौत को लेकर डॉक्यूमेंट मांगे, तो कंपनी को फर्जी डेथ सर्टिफिकेट पेश किया गया। मांगीलाल के दोस्त ने कंप्यूटर से करणीसर मुक्ति धाम के नाम से अंतिम संस्कार की फर्जी रसीद भी तैयार की थी, और इसी के आधार पर बीकानेर नगर निगम से फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाया था।
बैंक की पड़ताल ने खोला राज
जब बैंक ने इस मामले की पड़ताल की, तो उन्हें गड़बड़ी मिली। मांगीलाल के घर और अन्य जगहों पर जाँच करने पर कोई नहीं मिला, और जब उसकी मौत के बारे में लोगों से पता किया गया, तो जानकारी मिली कि मांगीलाल जिंदा है। उसके जिंदा होने के सबूत इकट्ठा कर थाने में मामला दर्ज करवाया गया, जिसके बाद मांगीलाल को गिरफ्तार कर लिया गया।