शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ की मांग: मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों की पदोन्नति पर पदस्थापन ऑनलाइन काउंसलिंग से हो


लयिक संवर्ग के कर्मचारियों की पदोन्नति पर पदस्थापन ऑनलाइन काउंसलिंग से हो


बीकानेर, 15 दिसंबर। शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान (बीकानेर) ने मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदोन्नति के बाद पदस्थापन ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से करने की पुरजोर मांग उठाई है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने इस संबंध में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित सभी उच्चाधिकारियों को ईमेल और रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा पत्र भेजा है। यह मांग 2025-26 की नियमित डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) और अन्य वर्षों की रिव्यू डीपीसी से चयनित होने वाले कार्मिकों के लिए की गई है।
दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप
प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया कि ऑनलाइन काउंसलिंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण एकल महिला, विधवा, परित्यक्ता, दिव्यांग और असाध्य रोग से ग्रसित कार्मिकों को लाभ से वंचित रखा जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला एवं संभाग में पद उपलब्ध होने के बावजूद भी ऐसे कार्मिकों का पदस्थापन दूरस्थ 300 से 500 किलोमीटर तक कर दिया जाता है।
आचार्य ने कहा कि एक ही विभाग में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है, क्योंकि शिक्षा सेवा के प्रधानाचार्य एवं अन्य पदों पर पदोन्नति होने पर पदस्थापन ऑनलाइन काउंसलिंग से किया जा रहा है, जबकि मंत्रालयिक संवर्ग को इस सुविधा से वंचित रखा गया है।


निर्णायक कार्रवाई न होने पर सांगठनिक गतिविधियों की चेतावनी
संघ ने इस संबंध में जल्द निर्णय लेने की मांग की है। आचार्य ने बताया कि पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि 24 दिसंबर 2025 तक इस मांग पर निर्णय लिया जाकर संघ को सूचित किया जाए, अन्यथा वे सांगठनिक गतिविधियों (आंदोलन) के लिए मजबूर होंगे। शिक्षा निदेशक सीताराम जाट के मुख्यालय पर उपस्थित न होने के कारण, निदेशक महोदय के नाम का ज्ञापन अतिरिक्त निदेशक शैलेन्द्र देवड़ा (आरएएस) को सौंपा गया। इस वार्ता में प्रदेश परामर्शक विष्णु दत्त पुरोहित भी आचार्य के साथ रहे। अतिरिक्त निदेशक महोदय ने तत्काल ज्ञापन को पत्रावली में प्रस्तुत करने के निर्देश अंकित किए, जिसे अनुभाग अधिकारी जेठूसिंह को हस्तगत कर दिया गया।








