शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ की मांग: मंत्रालयिक संवर्ग के लिए भी ऑनलाइन काउंसलिंग से पदस्थापन



बीकानेर, 18 अगस्त। शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान-बीकानेर ने शिक्षा विभाग में दोहरे मापदंड अपनाए जाने पर आपत्ति जताई है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय कानून मंत्री, शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया से पदस्थापन की मांग की है।
मांग का आधार और उद्देश्य
आचार्य ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि एक तरफ विभाग शिक्षकों और प्रधानाचार्यों व समकक्ष पदों पर पदोन्नतों को ऑनलाइन काउंसलिंग से पदस्थापन दे रहा है, वहीं दूसरी ओर मंत्रालयिक संवर्ग को इससे वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने इसे न्याय और प्रशासनिक दृष्टि से अनुचित बताया। संघ की प्रमुख मांग है कि शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2025-26 में की जा रही मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियमित डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) और रिव्यू डीपीसी के पश्चात्, उनका पदस्थापन शिक्षा निदेशालय सहित प्रदेश के सभी कार्यालयों, संस्थानों और शालाओं में शत-प्रतिशत रिक्तियां प्रदर्शित करते हुए पारदर्शिता पूर्वक ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए।




इस मांग का मुख्य उद्देश्य अल्पवेतन भोगी कर्मचारियों को अपने गृह जिले से बाहर जाने से रोकना है, साथ ही एकल महिला, परित्यक्ता, विधवा और असाध्य रोग से पीड़ित कार्मिकों को राहत प्रदान करना है।


शिक्षा निदेशक से वार्ता
आचार्य ने बताया कि शिक्षा निदेशक के नाम का पत्र संयुक्त निदेशक (प्रशासन) श्री जगवीर सिंह यादव को सौंपा गया और इस संबंध में वार्ता भी की गई। इस वार्ता में संघ के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य और प्रदेश कोषाध्यक्ष नवरतन जोशी भी शामिल रहे।