मंत्र जप से आधी-व्याधि-उपाधि से मुक्ति संभव- मुनि कमल कुमार



बीकानेर, 25 अगस्त। पर्यूषण पर्व के छठे दिन को ‘जप दिवस’ के रूप में मनाया गया। गंगाशहर तेरापंथ भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी ने मंत्र जप के महत्व पर अपने विचार रखे।
मंत्र और जप का महत्व
मुनि श्री ने कहा कि ऐसा कोई अक्षर ऐसा नहीं जिससे मंत्र नहीं बनता। कोई जड़ी बूटी ऐसी नहीं जिससे औषधी नहीं बन सकती तथा ऐसा कोई व्यक्ति नहीं, जो किसी काम का नहीं होता। आवश्यकता होती है उनके गुणों को जानने वाले लोगों की उनको उपयोग में लेने वालों की । उन्होंने कहा कि मंत्र जप से जीवन की हर समस्या का समाधान हो सकता है, बशर्ते उसका सही ज्ञान और विधिपूर्वक प्रयोग किया जाए।
उन्होंने आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी की पुस्तक “मंत्र एक समाधान” का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे पढ़कर, समझकर और प्रयोग में लाकर व्यक्ति आधी (मानसिक), व्याधि (शारीरिक) और उपाधि (बाहरी) समस्याओं से मुक्त हो सकता है। मुनि श्री ने जप की महिमा पर स्वयं द्वारा रचित एक गीत का भी संगान किया। मुनिश्री श्रेयांश कुमार व मुनिश्री मुकेश कुमार ने भी अपने अपने गीतों का संगान किया। मुनिश्री कमल कुमार जी ने भगवती महापर्व सम्वत्सरी पर सपरिवार पौषध करने की प्रेरणा दी ।




प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धिकुमारी ने भी हिस्सा लिया। तेरापंथी सभा की ओर से जैन लूणकरण छाजेड़ ने उनका स्वागत करते हुए बीकानेर के राजघराने और तेरापंथ समाज के बीच पुराने और घनिष्ठ संबंधों का जिक्र किया। सिद्धिकुमारी जी ने भी समाज के प्रति आभार व्यक्त किया। सिद्धिकुमारी जी को सुमन छाजेड़ ने पताका पहनाकर व महिला मंडल ने साहित्य भेंट कर सम्मान किया।


तप और त्याग
इस अवसर पर कई तपस्या करने वालों को पचखान करवाए गए। मुनि नमी कुमार जी ने अपनी 34वीं और सुश्राविका तारादेवी बेद ने अपनी 43वीं तपस्या का प्रत्याख्यान किया। कार्यक्रम का समापन मुनि श्री के मंगलपाठ से हुआ।