भारतीय संविधान एवं चुनौतियां: बीकानेर में संवाद कार्यक्रम आयोजित, संविधान पढ़ने पर जोर

shreecreates
QUICK ZAPS

बीकानेर, 15 अगस्त। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में अजित फाउण्डेशन सभागार में “भारतीय संविधान एवं चुनौतियां” विषय पर एक महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने संविधान के महत्व, वर्तमान चुनौतियों और आमजन की भूमिका पर प्रकाश डाला।
संविधान को पढ़ता कोई नहीं है, बस सोशल मीडिया से राय बनाते हैं”
मुख्य वक्ता के रूप में उद्बोधन देते हुए रामपुरिया लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनन्त किशोर जोशी ने कहा कि वर्तमान समय में संविधान को लेकर पूरे देश में चर्चाएं हो रही हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि इन चर्चाओं में राजनेता से लेकर आमजन तक आरोप-प्रत्यारोप करते नजर आते हैं, लेकिन सबसे मुख्य बात यह है कि संविधान को पढ़ता कोई नहीं है, बस सोशल मीडिया या अफवाहों को लेकर अपने मत रखना शुरू कर देते हैं। डॉ. जोशी ने जोर दिया कि हमें स्कूली शिक्षा से संविधान की प्रस्तावना पढ़नी शुरू करवानी चाहिए और महाविद्यालयों तक इसके विभिन्न भागों का गहराई से अध्ययन करना चाहिए।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

डॉ. जोशी ने आगे कहा कि राष्ट्र में संविधान सर्वोपरि है, और विधायिका, न्यायपालिका एवं कार्यपालिका इसके मुख्य अंग हैं। इन्हीं तीन स्तंभों पर हमारा देश टिका हुआ है और आमजन के अधिकारों का संरक्षण होता आया है। उन्होंने बताया कि संविधान से ही हमें सभी प्रकार की आजादी मिली हुई है, और हम अपने अधिकारों तथा कानूनी पक्ष को खुलकर न्यायपालिका के समक्ष रख सकते हैं, जो संविधान लागू होने के बाद ही संभव हो पाया है।

pop ronak

युवाओं से देशहित में आगे आने का आह्वान
डॉ. जोशी ने कहा कि वर्तमान समय में युवाओं को मुखरित होकर संविधान के बारे में जानना होगा तथा देशहित जैसे कार्यों में आगे बढ़ना होगा। कार्यक्रम के अंत में व्यंग्यकार डॉ. अजय जोशी ने संस्था की तरफ से धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसी चर्चाएं समय-समय पर आयोजित होती रहनी चाहिए, जिससे युवाओं को सही दिशा मिलती रहे।

कार्यक्रम के आरंभ में डॉ. रितेश व्यास ने डॉ. अनन्त किशोर जोशी का परिचय देते हुए कहा कि संविधान ऐसा विषय है, जिसके बारे में बच्चे से लेकर सभी आयु वर्ग को जानकारी होनी आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्था समन्वयक संजय श्रीमाली ने बताया कि वर्तमान में देश में संविधान को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं, उनमें क्या सही है और क्या भ्रमित किया जा रहा है, इन सब संदर्भों के बारे में इस प्रकार के संवादों से जानकारी प्राप्त होती है।

कार्यक्रम में जुगल किशोर पुरोहित, मो. फारूक, गिरिराज पारीक, अविनाश व्यास, एडवोकेट जुगल व्यास, आनंद छंगाणी, हनीफ उस्ता, रामगोपाल व्यास, डॉ. रितेश व्यास आदि ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *