जमीअत उलमा-ए-हिन्द बीकानेर की ‘शजरकारी मुहिम’ ने पूगल और बज्जू में लगाई हरियाली की बहार



बीकानेर, 1 अगस्त। जमीअत उलमा-ए-हिन्द शाखा बीकानेर द्वारा चलाए जा रहे ‘शजरकारी मुहिम’ (वृक्षारोपण अभियान) ने अब जिले भर में अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी है। इस अभियान के तहत, पूगल और बज्जू तहसीलों के विभिन्न गाँवों और मदरसों में सैकड़ों पौधे लगाए गए हैं, और उनकी देखभाल के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ भी की गई हैं।
प्रमुख स्थलों पर हुआ पौधारोपण
इस मुहिम के तहत जिन मुख्य स्थलों पर पौधारोपण किया गया, उनमें शामिल हैं। मदरसा मख़जनुल उलूम, पूगल, मदरसा आयशा सिद्दीका लिलबनात, गंगाजली, मदरसा अशरफिया अनवारुल उलूम, कुमारवाला मदरसा, गणेशवाली मदरसा इस्लामिया, ग्राम पंचायत जागनवाला (बज्जू हल्का), रावत आबादी, तहसील बज्जू।
स्थानीय समुदाय और उलेमाओं का सराहनीय सहयोग
इस नेक मुहिम को ज़मीन पर उतारने में स्थानीय उलेमा, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जिम्मेदार नागरिकों का भरपूर सहयोग मिला, जो वास्तव में काबिले तारीफ है। तहसील पूगल से मौलाना अरशद साहब (अध्यक्ष, जमीअत शाखा पूगल) और मौलाना रियाज़ साहब ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गंगाजली से मौलाना शाकिर साहब, गणेशवाली से मंजूर ख़ान साहब और हाफिज हकनवाज़ साहब, कुमारवाला से मौलाना अब्दुर्रहीम साहब और हाफिज अब्दुल जलील साहब, रावत आबादी से मौलाना शरीफ साहब, सलमान ख़ान और मुंसिफ पड़िहार, और जागनवाला से मौलाना रोशन साहब का योगदान सराहनीय रहा। विभिन्न मदरसों के उस्तादगान और तलबा (छात्रों) ने भी इस नेक काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।




जमीअत उलमा-ए-हिन्द बीकानेर टीम की सक्रिय भागीदारी
इस पूरे अभियान में जिला जमीअत उलमा-ए-हिन्द बीकानेर की टीम भी सक्रिय रही, जिनमें उपाध्यक्ष मौलाना ताज मोहम्मद साहब, महासचिव मौलाना मोहम्मद इरशाद क़ासमी, शाखा खाजूवाला के अध्यक्ष मौलाना फारूक क़ासमी साहब, सचिव हाफिज अजमल हुसैन, हाफिज अब्दुस्सलाम और एडवोकेट अतीकुर्रहमान गौरी (खाजूवाला) शामिल थे।


हरियाली और सवाब का पैगाम
इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य केवल पेड़ लगाना ही नहीं है, बल्कि इस्लामी शिक्षाओं की रोशनी में समाज को हरियाली, राहत और सवाब (पुण्य) का पैगाम देना भी है। अभियान के आयोजकों ने एक हदीस का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है:
“जब कोई मुसलमान पेड़ लगाता है और उससे इंसान, जानवर या परिंदा फायदा उठाते हैं, तो वह उसके लिए सदक़ा होता है।” — सही मुस्लिम
यह अभियान बीकानेर जिले में पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।