62 साल बाद मिला हक; 7 करोड़ का भूखंड मात्र ₹17,500 में देने का हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला


फरीदाबाद, 17 दिसंबर। न्याय मिलने में देरी हो सकती है, लेकिन न्याय मिलता जरूर है—इस कहावत को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एक ताजा फैसले ने सच कर दिखाया है। फरीदाबाद के एक बुजुर्ग ने 62 साल लंबी कानूनी लड़ाई जीतने के बाद अपनी पैतृक जमीन वापस पा ली है। दिलचस्प बात यह है कि जिस जमीन की कीमत आज 7 करोड़ रुपये है, उसे कोर्ट ने पुरानी शर्तों के आधार पर मात्र 17,500 रुपये में सौंपने का आदेश दिया है।


18 की उम्र में शुरू हुआ संघर्ष, 80 में मिली सफलता
यह मामला फरीदाबाद के एक ऐसे शख्स का है जिसने महज 18 साल की उम्र में अपनी जमीन के हक के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। आज जब फैसला आया, तो याचिकाकर्ता की उम्र 80 वर्ष हो चुकी है। अपनी जवानी से लेकर बुढ़ापे तक, इस बुजुर्ग ने जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। फैसला सुनने के बाद बुजुर्ग की आंखों से आंसू छलक पड़े और उन्होंने हाथ जोड़कर न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया।


₹14 हजार से ₹7 करोड़ तक का सफर
मूल कीमत: जब यह कानूनी विवाद शुरू हुआ था, तब उस जमीन की कीमत केवल 14,000 रुपये थी।
वर्तमान बाजार मूल्य: विकास और समय के साथ आज उस भूखंड की कीमत बढ़कर 7 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है।
कोर्ट का आदेश: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि यह जमीन याची को मूल कीमत पर केवल 25% अतिरिक्त राशि लेकर सौंप दी जाए। इस गणना के अनुसार, 7 करोड़ की जमीन का मालिकाना हक बुजुर्ग को मात्र 17,500 रुपये चुकाने पर मिल जाएगा।
पारिवारिक संपत्ति का इकलौता वारिस
बुजुर्ग अपनी पारिवारिक संपत्ति के इकलौते वारिस थे, लेकिन कानूनी पेचीदगियों के कारण उन्हें दशकों तक अदालतों के चक्कर लगाने पड़े। यह मामला न केवल एक व्यक्ति की जीत है, बल्कि उन हजारों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है जो लंबी कानूनी लड़ाइयों से थक चुके हैं।
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