कवि विप्लव व्यास की दो पुस्तकों का लोकार्पण

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बीकानेर, 25 अगस्त। महारानी सुदर्शन कला दीर्घा में प्रेरणा प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित एक समारोह में कवि विप्लव व्यास की दो पुस्तकों—राजस्थानी कविता संग्रह ‘लुगाई’ और हिंदी अनुवादित कहानी संग्रह ‘जन्मदिन’—का लोकार्पण किया गया।
कविताएँ समाज में हस्तक्षेप करती हैं
समारोह की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि सरल विशारद ने कहा कि कविता लिखना एक मुश्किल काम है और विप्लव व्यास की कविताएँ समाज के मुद्दों में हस्तक्षेप करती हैं। उन्होंने व्यास को इसी तरह की विद्रोही कविताएँ लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्य अतिथि और ‘जागती जोत’ पत्रिका के संपादक मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा कि विप्लव की कविताओं में पारदर्शिता और खुलापन है। उन्होंने ‘जन्मदिन’ पुस्तक के अनुवाद की सराहना करते हुए इसे एक कठिन कार्य बताया, जिसे विप्लव ने निष्ठा से पूरा किया है।

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वरिष्ठ व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा और कवि कमल रंगा ने भी अनुवाद कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि विप्लव ने मुरलीधर व्यास राजस्थानी के कहानी संग्रह ‘बरसगाँठ’ का हिंदी में अनुवाद कर उसे एक बड़े पाठक वर्ग तक पहुँचाया है। कमल रंगा ने विप्लव को एक संवेदनशील कवि बताया, जिनकी नज़र अपने आसपास के परिवेश पर रहती है।

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युवा कवि का सम्मान
कार्यक्रम की शुरुआत में संस्था के अध्यक्ष प्रेमनारायण व्यास ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। वरिष्ठ कवयित्री मोनिका गौड़ और युवा समालोचक डॉ. नमामीशंकर आचार्य ने पत्र-वाचन के माध्यम से विप्लव की दोनों पुस्तकों का विश्लेषण किया। समारोह में आयोजक संस्था और परिजनों की ओर से विप्लव व्यास का सम्मान किया गया। विप्लव ने श्रोताओं के आग्रह पर अपने दो लोकप्रिय गीत भी सुनाए, जिनकी खूब सराहना हुई। इस कार्यक्रम में राजाराम स्वर्णकार, राजेन्द्र जोशी, डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, जाकिर अदीब, डॉ. मो. फारूक चौहान सहित कई साहित्यकार और प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

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