बीकानेर में मैन्युअल वाहन फिटनेस बंद, ऑटो चालकों को 70 किमी दूर नोखा जाने की मजबूरी से भारी परेशानी


बीकानेर, 13 दिसंबर। बीकानेर जिले में व्यावसायिक वाहनों का मैन्युअल फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने का काम बंद होने के बाद से वाहन मालिकों, विशेषकर ऑटो चालकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) ने 3 दिसंबर से सभी व्यावसायिक वाहनों— ट्रक, बस, ऑटो रिक्शा, पिकअप और अन्य यात्री भार वाहनों— का भौतिक सत्यापन कर मैन्युअल फिटनेस जारी करना बंद कर दिया है। यह निर्णय नोखा स्थित निजी ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) के दोबारा शुरू होने के बाद लिया गया, लेकिन इसका सीधा बोझ वाहन मालिकों पर पड़ रहा है। पहले परिवहन निरीक्षक डीटीओ कार्यालय में ही भौतिक सत्यापन कर फिटनेस प्रमाणपत्र जारी कर देते थे, जिससे वाहन मालिकों को राहत मिलती थी।



70 से 170 किमी दूर जाने को मजबूर वाहन स्वामी
बीकानेर, श्रीडूंगरगढ़, लूणकरणसर, खाजूवाला, कोलायत, छतरगढ़ और पूगल जैसे क्षेत्रों के वाहन स्वामियों को अब फिटनेस प्रमाणपत्र के लिए 70 से 170 किमी दूर नोखा स्थित एटीएस जाना पड़ रहा है। इस लंबी यात्रा के कारण उनका ईंधन खर्च, टोल शुल्क और यात्रा का समय— सब कुछ बढ़ गया है। इसके अलावा, एक दिन की पूरी यात्रा के चलते उनका व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।



ऑटो चालकों के लिए नियमों के उल्लंघन का डर
सबसे अधिक परेशानी ऑटो रिक्शा चालकों को हो रही है। शहर में ऑटो रिक्शा का परमिट आमतौर पर केवल 10 से 12 किमी की सीमा तक ही वैध होता है। फिटनेस के लिए उन्हें बिना परमिट के 70 किमी दूर नोखा भेजा जा रहा है, जिसे चालक ‘परमिट नियमों का उल्लंघन’ बताकर विरोध कर रहे हैं।
एटीएस पर कम क्षमता और लंबी वेटिंग
नोखा एटीएस पर मशीनों से जाँच में प्रति वाहन लगभग 20 मिनट का समय लगता है। इसकी दैनिक क्षमता मुश्किल से 40 से 50 वाहनों की है, जबकि बीकानेर में प्रतिदिन लगभग 100 से 130 वाहन फिटनेस के लिए आते हैं। इस भारी अंतर के चलते एटीएस पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। कई वाहनों को तो हफ्तों तक इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे उनका व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया है।








