जयपुर SMS हॉस्पिटल में भीषण आग, ICU में 8 मरीजों की मौत, लापरवाही पर उठे गंभीर सवाल

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quicjZaps 15 sept 2025

जयपुर, 6 अक्टूबर । राजधानी जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) हॉस्पिटल में रविवार रात करीब 11 बजे ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू वार्ड में भीषण आग लगने से एक दर्दनाक हादसा हो गया। इस भयावह घटना में अब तक 8 मरीजों की मौत होने की खबर है, जबकि कई अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है।जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में रविवार देर रात न्यूरोसर्जरी आईसीयू में शॉर्ट सर्किट से लगी आग के कारण भयावह स्थिति पैदा हो गई है।

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हृदयविदारक मंजर और जान बचाने की जद्दोजहद
आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया और पूरे वार्ड में धुआं भर गया, जिससे मरीजों का दम घुटने लगा। अंदर फंसे मरीजों को बचाने के लिए लोगों को खिड़कियाँ और काँच तोड़ने पड़े। प्रत्यक्षदर्शियों ने इस मंजर को हृदयविदारक बताया, जहाँ हर कोई अपनी जान बचाने में जुटा था। ट्रॉमा सेंटर में आग लगने के बाद अफरातफरी मच गई—कोई स्ट्रेचर उठा रहा था, तो कोई ऑक्सीजन सिलेंडर पकड़े था। जान बचाने के इस प्रयास में कई मरीजों को अस्पताल से निकालकर सड़क पर बेड लगाकर लिटा दिया गया, जिससे रोड ही अस्थायी आईसीयू वार्ड बन गई।

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लापरवाही और अव्यवस्थाओं के आरोप
मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वे इस भयानक हादसे के लिए सीधे तौर पर हॉस्पिटल प्रशासन और सिस्टम की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। शुरुआती वजह: आग लगने की शुरुआती वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।  नजरअंदाज करने का आरोप: मरीजों के परिजनों का कहना है कि उन्होंने आईसीयू में पहले एक चिंगारी उठी थी, जिसकी सूचना अस्पताल के स्टाफ को दी थी, लेकिन स्टाफ ने इसे नजरअंदाज कर दिया। परिजनों का मानना है कि अगर समय पर कदम उठाया जाता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। विपक्ष का हमला: कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया पर इसे “सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अव्यवस्थाओं की एक और भयावह मिसाल” बताया है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

मुख्यमंत्री ने किया दौरा
SMS Hospital में भीषण आग लगने की खबर सुनते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तुरंत जयपुर प्रशासन और पुलिस को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने खुद देर रात करीब 3 बजे अस्पताल पहुंचकर हादसे और राहत कार्यों की जानकारी ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर आग लगने के कारणों और लापरवाही की जांच शुरू कर दी है।

जयपुर SMS अस्पताल में आग लगने की यह है वजह
आग लगने के बाद एसएमएस हॉस्पिटल में अफरा-तफरी मच गई। पूरा अस्पताल स्टॉप और मरीजों के साथ आए परिजन आग बुझाने प्रयास करते रहे। लेकिन देखते ही देखते आग ने पूरे फ्लोर को चपेट में ले लिया। कुछ ही देर में आग की चपेट में आने से कई मरीज झुलस गए और एक शख्स की जान भगदड़ के दौरान चली गई। शुरुआती जांच में आग लगने कि वजह शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। हादसे की खबर लगते ही दमकल विभाग और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। घंटों की मश्क्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

अस्पताल अधीक्षक का बयान
डॉ. भाटी ने बताया कि रविवार रात करीब 11:30 बजे शॉर्ट सर्किट से न्यूरोसर्जरी आईसीयू में आग लग गई। धुआं फैलते ही स्टाफ ने तुरंत कार्रवाई की और 11 मरीजों को अन्य वार्डों व आईसीयू में शिफ्ट किया गया। 15-20 मिनट में फायर ब्रिगेड ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति पर काबू पाया। अधीक्षक ने दावा किया कि आग से कोई मरीज घायल नहीं हुआ और मौतें पहले से गंभीर हालत के कारण शिफ्टिंग के समय हुईं।

 

कांस्टेबल हरिमोहन मीणा

जलते SMS हॉस्पिटल में ‘रियल हीरो’ बना कांस्टेबल हरिमोहन मीणा
जयपुर। सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात आईसीयू में लगी भीषण आग के दर्दनाक मंजर के बीच, राजस्थान पुलिस के एक बहादुर जवान ने अपनी जान जोखिम में डालकर कई मरीजों की जिंदगी बचाई। सोशल मीडिया पर लोग इस पुलिसकर्मी को ‘रियल हीरो’ कहकर सलाम कर रहे हैं।

जलती ICU में बेधड़क घुसे कांस्टेबल हरिमोहन
यह बहादुर जवान कांस्टेबल हरिमोहन मीणा हैं, जो जयपुर के एसएमएस थाने में तैनात हैं। चश्मदीदों के मुताबिक, आग इतनी भयानक थी कि मौके पर मौजूद नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर तक भाग गए। ऐसे विकराल माहौल में, हरिमोहन मीणा जलती आग की लपटों वाले ICU में बेधड़क घुस गए।
हरिमोहन ने सबसे पहले ICU की सारी खिड़कियाँ खोलीं ताकि दम घोंट देने वाले धुएँ को बाहर निकाला जा सके। इसके बाद उन्होंने एक-एक मरीज को सावधानी पूर्वक बाहर निकाला।
बचाव कार्य के दौरान उन्हें हल्की चोटें भी आईं, लेकिन उन्हें इस बात का दुख नहीं है कि वह घायल हैं, बल्कि वह दुखी इसलिए हैं कि काश जिन 8 लोगों की मौत हुई है, उन्हें भी बचाया जा सकता।

हरिमोहन मीणा ने पहले अपनी टीम को सूचना दी, जिसके बाद SMS थाने का पूरा स्टाफ तत्काल मौके पर पहुँचा और जान जोखिम में डालकर बचाव कार्य में जुट गया। दमकल विभाग के लोगों ने भी बड़ी संख्या में मरीजों को बचाया।

पुलिस को सैल्यूट, अस्पताल प्रशासन का विरोध
एक ओर जहाँ जयपुर के लोग पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम को सैल्यूट कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर SMS अस्पताल के स्टाफ के खिलाफ परिजनों में भारी गुस्सा है। मृतकों के परिजन और चश्मदीद इस घटना के पीछे हॉस्पिटल प्रशासन और सिस्टम की घोर लापरवाही मान रहे हैं। उनका कहना है कि अगर जिम्मेदार लोग सजग होते तो इतना भयानक हादसा नहीं होता।

उठी न्यायिक जांच की मांग
हादसे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार सुबह SMS अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की और कहा कि परिजनों को यह तक नहीं बताया जा रहा कि उनके रिश्तेदारों की बॉडी कहां है। सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इसे हादसा नहीं, बल्कि हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि स्टाफ ने मरीजों को छोड़कर भागने की कोशिश की, जबकि परिजनों ने अपने मरीजों को बचाया। जूली ने सवाल उठाया कि क्या हम ऐसे हादसों का इंतजार करते हैं?

सरकार ने गठित की जांच कमेटी
डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने अस्पताल का दौरा कर अधिकारियों से जानकारी ली और मरीजों की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस हादसे को दुखद और पीड़ादायक बताया। राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी गठित की है, जो घटना की विस्तृत जांच कर जल्द रिपोर्ट सौंपेगी।

mmtc 2 oct 2025

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