मुनि कमल कुमार का आह्वान- “धर्म को केवल धर्मस्थान तक सीमित न रखें, व्यवहार में उतारें”; जैन महासभा अध्यक्ष का अभिनंदन


गंगाशहर (बीकानेर), 19 दिसम्बर। स्थानीय तेरापंथ भवन में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी स्वामी के पावन सान्निध्य में एक विशेष आध्यात्मिक सभा एवं अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुनिश्री ने श्रावकों को जीवन की सार्थकता और धर्म के वास्तविक स्वरूप का बोध कराते हुए संयम के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।


व्यवहार और व्यापार में परिलक्षित हो धर्म
मुनि श्री कमल कुमार जी ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य जन्म की सफलता कर्मों को हल्का करने और उन्हें समाप्त करने में है। उन्होंने वर्तमान युग के मनोरंजन के साधनों को कर्म बंध बढ़ाने वाला बताते हुए कहा कि धर्म केवल भवन या उपासना स्थल तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे घर-घर और जन-जन तक पहुंचाना चाहिए।
मुनिश्री ने भगवान महावीर के सूत्र ‘उत्ठिए णो पमाए’ (जाग गए हो, तो प्रमाद मत करो) का उल्लेख करते हुए जागरूक रहने का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि:
“आपकी आत्मा ही सुख-दुःख की कर्ता और विकर्ता है। धर्म की असली कसौटी आपके मंदिर जाने में नहीं, बल्कि आपके व्यवहार और व्यापार में दिखनी चाहिए। अहिंसा प्रधान जैन धर्म में संयम से ही समाधि की प्राप्ति संभव है।”


जैन महासभा: समन्वय और सौहार्द्र का केंद्र
समारोह के दौरान श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, गंगाशहर द्वारा जैन महासभा के नवनियुक्त अध्यक्ष कन्हैयालाल बोथरा का भव्य अभिनंदन किया गया। मुनिश्री ने बोथरा जी को प्रतिबोध देते हुए कहा कि जैन महासभा दिगंबर, मूर्तिपूजक, स्थानकवासी और तेरापंथ—इन चारों संप्रदायों से ऊपर है। उन्होंने समन्वय और एकता के साथ कार्य करने का मंत्र दिया। सभा के मंत्री जतनलाल संचेती ने स्वागत भाषण में कहा कि तेरापंथ समाज जैन महासभा के सभी आयामों को सफल बनाने में सदैव तत्पर रहता है। उन्होंने घोषणा की कि ’21 व्यंजन सीमा अभियान’ में सहभागी बनने वाले परिवारों का सभा द्वारा विशेष सम्मान किया जाएगा। इस अवसर पर अमर चंद सोनी, नवरतन बोथरा, मांगीलाल लूणिया और विमल सिंह चोरड़िया ने श्री बोथरा को साहित्य भेंट कर सम्मानित किया।
सादगी का संकल्प और आभार
अपने सम्मान के उत्तर में कन्हैयालाल बोथरा ने मुनिश्री की तपस्या और प्रवचनों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। उन्होंने संकल्प लिया कि वे जैन समाज में समन्वय बढ़ाने का प्रयास करेंगे और सादगी को बढ़ावा देने वाले ’21 व्यंजन सीमा अभियान’ को और अधिक प्रभावी बनाएंगे। उन्होंने अपने मनोनयन के लिए संपूर्ण समाज का आभार व्यक्त किया।
स्मृति सभा एवं तपस्या की अनुमोदना
कार्यक्रम के दौरान चोपड़ा परिवार की दिवंगत सदस्य श्रीमती किरण देवी चोपड़ा की स्मृति में शोक सभा आयोजित की गई, जिसमें मुनिश्री ने परिवार को संबल प्रदान किया और आत्मा की शांति के लिए ‘लोगस्स’ का ध्यान करवाया।
सभा के अंत में क्षेत्र में चल रही कठिन तपस्याओं की जानकारी दी गई.
मुनि नमि कुमार जी: आज 31 दिन की तपस्या पूर्ण कर 32वें दिन का प्रत्याख्यान (संकल्प) किया। सुरेंद्र भूरा: 27 दिन की तपस्या।आंचल बैद: 15 दिन की तपस्या। गंगाशहर का आध्यात्मिक वातावरण इन तपस्वियों की साधना से ओतप्रोत नजर आया।








