तप, त्याग की संगीतमाला व दीपक एकासना के आयोजन रविवार को



बीकानेर , 20 सितम्बर। बीकानेर में जैन धर्म के खरतरगच्छ समाज में दो प्रमुख आयोजन रविवार को होने जा रहे हैं: ‘तप, त्याग की संगीतमाला’ और ‘दीपक एकासना’। ये कार्यक्रम गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर और अन्य मुनि व साध्वीवृंद के सान्निध्य में होंगे।
तप, त्याग की संगीतमाला
20 सितंबर को आसानियों के चौक स्थित सूरज भवन में साध्वीश्री दीपमाला श्री की 15 दिन की तपस्या की अनुमोदना में ‘तप, त्याग की संगीतमाला’ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। खरतरगच्छ युवा परिषद, महिला परिषद, ज्ञान वाटिका, और साध्वीजी के परिजनों के संयुक्त तत्वावधान में होने वाले इस कार्यक्रम में मुंबई के कलाकार प्रदीप गेगावत अपनी प्रस्तुति देंगे।




सामूहिक दीपक एकासना
इसी दिन दोपहर में, डागा, सेठिया, पारख मोहल्ले के महावीर भवन में सामूहिक दीपक एकासना का आयोजन होगा, जिसमें 100 से अधिक श्रावक-श्राविकाएँ भाग लेंगी। इसमें भाग लेने वाले लोग दीपक जलने तक भोजन-पानी त्याग कर एकासना करेंगे।


प्रवचन: नाम केवल राख होने तक
शनिवार को दिए गए अपने प्रवचन में गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का नाम और अस्तित्व केवल उसके शरीर के राख होने तक ही रहता है। उन्होंने कहा कि लोग केवल उन्हीं लोगों को याद रखते हैं जो जन कल्याणकारी और परोपकारी कार्य करते हैं। उन्होंने पुण्यानुबंधी पुण्य और पापानुबंधी पाप का वर्णन करते हुए कहा कि हमें सांसारिक सुख-भोगों से दूर रहकर आत्मा और परमात्मा से प्रेम करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि शरीर के राख होने से पहले हमें यह सोचना चाहिए कि ‘मैं कौन हूँ, कहाँ से आया हूँ, और कहाँ मुझे जाना है’, ताकि हम अपने भविष्य को सुधार सकें।